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सभी 68 पुलिसकर्मियों को जिले की पुलिस लाइन भेज दिया गया है. साथ ही पुलिस लाइन से नए पुलिसकर्मियों की तत्काल तैनाती थाने में की गई है.
एसएसपी दिनेश कुमार पी का कहना है कि मुखबिरी के शक में थाने के सभी पुलिस कर्मियों को हटाया गया है. अभी भी पुलिस की जांच जारी है. दोषी पाए गए पुलिसकर्मी पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. गौरतलब है कि चौबेपुर थाना अध्यक्ष विनय तिवारी को पहले ही सस्पेंड कर दिया गया था. जिसके बाद दो दरोगाओं और एक आरक्षी को सस्पेंड किया गया था.
DIG STF अनंत देव तिवारी हटाए गए
उधर शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा का कथित पत्र वायरल होने के बाद डीआईजी एसटीएफ अनंत देव तिवारी को हटा दिया गया. अनंत देव तिवारी अब पीएसी मुरादाबाद सेक्टर के डीआईजी का कार्यभार संभालेंगे. दरअसल शहीद सीओ ने 14 मार्च को तत्कालीन एसएसपी अनंत देव तिवारी को लिखे अपने पत्र में चौबेपुर थानाध्यक्ष विनय तिवारी और हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के बीच सांठगांठ और गंभीर घटना की आशंका जताते हुए कार्रवाई की मांग की थी. लेकिन तत्कालीन एसएसपी अनंत देव तिवारी ने इस पत्र पर कोई एक्शन नहीं लिया.
#KanpurEncounter: IG Kanpur Range Mohit Agarwal has issued orders to carry an enquiry towards your entire police employees at Chaubeypur Police Station; all 68 police personnel of the police station have been despatched to district traces.
— ANI UP (@ANINewsUP) July 7, 2020
STF की जांच में एक दरोगा और सिपाही द्वारा मुखबिरी की बात आई सामने
उधर एसटीएफ के हाथ लगे ऑडियो में दो पुलिसकर्मियों का पता चला है कि जिन्होंने दबिश की सूचना विकास दुबे को दी थी. यही नहीं इस ऑडियो में विकास कहता सुनाई पड़ा है कि आज पुलिस से निपट लेंगे. एसटीएफ की जांच में पता चला है कि दरोगा केके शर्मा और सिपाही राजीव चौधरी की उस दिन विकास दुबे से बातचीत हुई थी.
फरार है विकास दुबे
घटना के पांच दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस और एसटीएफ फरार विकास दुबे को गिरफ्तार नहीं कर पाई है. पुलिस की 100 से ज्यादा टीमें सूबे व आस-पास के राज्यों में लगातार दबिश दे रही हैं, लेकिन विकास दुबे का कोई सुराग नहीं मिल रहा है. पुलिस ने आशंका जाहिर की है कि विकास दुबे मध्य प्रदेश के ग्वालियर में छुपा हो सकता है. लिहाजा, मध्य प्रदेश की पुलिस को भी हाई अलर्ट पर कर दिया गया है.
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