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आईजी मोहित अग्रवाल (IG Mohit Agrawal) के इस कदम को पुलिस के आंतरिक सुधार की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है. जिस तरह से बिकरू कांड के बाद खाकी पर दाग लगे, अब उसे सुधारने की कोशिश की जा रही है.
अपराधियों के सामाजिक बहिष्कार के नाम से अपने आदेश में आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा है कि पिछले कुछ दिनों से ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसमें थाना प्रभारी और थाने के अन्य पुलिसकर्मी अपराधियों के घरों में जाते हैं और उनके यहां आयोजित कार्यक्रमों में शामिल हुए हैं. इसके वीडियो भी वायरल हुए हैं, जिससे जनता के बीच पुलिस-अपराधी गठजोड़ का गलत संदेश जाता है.
आईजी मोहित अग्रवाल का नया फरमान
थाने के कार्यक्रम में भी ऐसे किसी व्यक्ति को न बुलाया जाएआईजी रेंज ने निर्देशित किया है कि कोई भी पुलिसकर्मी अपने थाना क्षेत्र के किसी भी ऐसे कार्यक्रम में नहीं जाएगा, जिसका आयोजन अपराधी छवि के लोग कर रहे हों. उन्होंने कहा है कि जिनके ऊपर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, टॉप-10 की सूची में हैं, माफिया है, हिस्ट्रीशीटर है, सक्रिय अपराधी है और जिनकी समाज में छवि ठीक नहीं है ऐसे व्यक्ति को थाना पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में भी शामिल नहीं किया जाएगा.
S-10 सूची से भी रखें बाहर
पांच जिलों के कप्तानों को भेजे गए इस निर्देश में यह भी कहा गया है कि कुछ जनपदों में एस-10 (संभ्रांत-10) की सूची बीटवार बनाई गयी है. इस लिस्ट में भी किसी अपराधिक छवि के व्यक्ति या जिसके ऊपर मुकदमे दर्ज हैं, उन्हें शामिल नहीं किया जाएगा.
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