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कानपुर (Kanpur) के एसएसपी दिनेश कुमार के अनुसार कुछ लोगों को पकड़ा गया है, जिन्होंने कबूला है कि लैब टेक्नीशियन संजीत की इन्होंने 26 या 27 जून को ही हत्या कर दी थी और पांडु नदी में शव को बहा दिया. अलग-अलग टीम गठित करके शव की तलाश की जा रही है.
बता दें एक महीने से अपहरण (kidnapping) के इस मामले में कानपुर पुलिस (Kanpur Police) की लापरवाही भी सामने आई है. इस किडनैपिंग केस में पुलिस पर आरोप भी लगे हैं कि उसने अपहृत युवक के परिजनों से अपहरणकर्ताओं को 30 लाख रुपए भी दिलवा दिए.
26 या 27 जून को ही हत्या: एसएसपी
एसएसपी दिनेश कुमार (SSP Kanpur Dinesh Kumar) ने बताया कि बर्रा थाना पर 23 जून को शिकायत दर्ज हुई थी, जिसे 26 को एफआईआर दर्ज की गई थी. 29 जून को फिरौती का कॉल आया. इसे लेकर क्राइम ब्रांच और सर्विलांस सेल की टीम गठित की गई. इस टीम ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है. इसमें उसके कुछ दोस्त और संजीत के साथ अन्य पैथोलॉजी में काम कर चुके लोग शामिल हैं. इनके द्वारा कबूला गया है कि संजीत की इन्होंने 26 या 27 जून को ही हत्या कर दी थी और पांडु नदी में शव को बहा दिया. अलग-अलग टीम गठित करके शव की तलाश की जा रही है. वहीं मोबाइल और मोटरसाइिकल की बरामदगी के लिए भी जानकारी की जा रही है.पुलिस को अगर पता होता तो युवक को बरामद करा देती!
बता दें कि एक सप्ताह पहले पुलिस की आंखों के सामने अपहरणकर्ता रुपयों से भरा बैग लेकर फरार हो गए और पुलिस हाथ मलती रह गई, जिसके बाद एसएसपी कानपुर ने पीड़ित परिवार से मिलकर four दिन के भीतर युवक की बरामदगी का भरोसा दिया था. यह अवधि भी बीत गई लेकिन इसमें पूरी तरह फेल रही.
सर्विलांस सेल कॉल को ट्रेस नहीं कर पाई
आपको बता दें कि बर्रा थाना क्षेत्र में रहने वाला 30 साल का संजीत एक अस्पताल में लैब टेक्नीशियन था. 22 जून की शाम अस्पताल से घर के निकला लेकिन पहुंचा नहीं, उसके एक सप्ताह बाद 29 जून को फिरौती के लिए पहला फोन आया. जिसके बाद पान की गुमटी से परिवार का गुजर-बसर करने वाले संजीत के पिता चमन लाल ने इसकी जानकारी पुलिस को दी. पुलिस ने नंबर नोट करने के बाद उन्हें हिदायत दी कि जब भी अपहरणकर्ता का फोन आए तो वह लंबी बात करें लेकिन बर्रा थाना पुलिस और सर्विलांस सेल कॉल को ट्रेस कर अपहरणकर्ता की लोकेशन का पता नहीं लगा पाई. अपहरणकर्ता लगातार 30 लाख की फिरौती न देने पर युवक की हत्या करने की धमकी दे रहे थे.
ये कैसी पुलिस!
चमन लाल का कहना है कि उन्होंने पुलिस के कहने पर किसी तरह से 30 लाख रुपयों का इंतजाम किया और पुलिस के दिए बैग में रुपए रखकर पुलिस की मौजूदगी में गुजैनी पुल के ऊपर से रुपयों से भरा बैग नीचे फेंका. अपहरणकर्ता बैग लेकर फरार हो गए और पुलिस अपहरणकर्ताओं को पकड़ नही पाई, उल्टे पुलिस परिवार पर बैग में रुपए नहीं होने की बात कहने का दबाव बनाने लगी. जब बात बढ़ी तो एसएसपी ने परिवार को four दिन का आश्वासन दिया.
इनपुट: श्याम तिवारी
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