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2003 में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय (Krishnanand Rai) की जघन्य हत्या के बाद यूपी एसटीएफ (UP STF) ने साल भर के अंदर शूटर फिरदौस को मुंबई के मॉल में हुए एनकाउंटर में मार गिराया था. अब 14 साल बाद एसटीएफ की उस टीम को राष्ट्रपति पुलिस गैलंट्री अवॉर्ड मिलने जा रहा है.
साल भर की तलाश के बाद मुंबई में मिला सुराग
बात 2005 की है. बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के बाद यूपी की सियासत में उबाल आ गया था. उस समय एसटीएफ की टीम मामले में आरोपी शूटर मुन्ना बजरंगी, अताउर्रहमान, विश्वास नेपाली, राकेश पांडे और फिरदौस की तलाश में थी. 2006 में पता चला कि ये सभी मुंबई में छिपे हैं.
मॉल में दिख गया फिरदौसएसटीएफ के तत्कालीन एसपी एसके भगत, एडिशनल एसपी विजय भूषण, डिप्टी एसपी अरविंद चतुर्वेदी, इंस्पेक्टर धनंजय मिश्रा की टीम मुंबई में थी. इस दौरान एक सुबह फोन इंटरसेप्शन में आरोपियों के मलाड के एक मॉल में जाने की जानकारी मिली. सूचना मिलते ही एसपी एसके भगत की अगुआई में एक टीम उस मॉल में पहुंची, जहां उन्हें फिरदौस दिख गया.
भरी दोपहर भीड़ के बीच पुलिस एनकाउंटर
दोपहर के ढाई बज रहे थे और मॉल में भीड़ भी थी. लेकिन टीम फिरदौस को हाथ से जाने नहीं देना चाहती थी. इस दौरान टीम ने फिरदौस को रोकने का प्रयास किया तो फिरदौस ने अपनी दो पिस्टल के साथ फायरिंग शुरू कर दी. मॉल में ही एनकाउंटर शुरू हो गया. इसके बाद पुलिस की जवाबी फायरिंग में फिरदौस मारा गया.
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