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पटना एयरपोर्ट (Patna airport) पर उतरने और उड़ान भरने वाले विमान परिसर के छोटा होने की वजह से काफी नीचा उड़ते और उतरते हैं.
थरथराहट का होता है अहसास
खतरा कितना बड़ा है इसका पता इस बात से लगाया जा सकता है कि पटना के रनवे पर विमानों के उतरने के बाद ब्रेक इतनी जोर से लगता है कि विमान में बैठे यात्रियों तक पहियों की थरथराहट का साफ असर होता है. ऐसे में विमानों के उतरने के दौरान एक पल के लिए भी पायलटों के पलक झपकी तो बड़ा हादसा हो सकता है.
सुरक्षित मानक से छोटा रनवेपटना एयरपोर्ट पर उतरने और उड़ान भरने वाले विमान परिसर के छोटा होने की वजह से काफी नीचा उड़ते और उतरते हैं. यदि विमान को इतना नीचे न किया जाए तो लैंडिंग के दौरान टच डाउन से विमान के आगे निकलने का खतरा होता है. रनवे के खत्म ही महज चंद फलांग पर एयरपोर्ट की बाउंड्री है ऐसे में एक पल की चूक बड़े हादसे का सबब बन सकती है.
वाच टावर भी है खतरनाक
सचिवालय का वाच टावर भी एक बड़ा खतरा है इसलिए विमानों के लैंडिंग और उड़ान भरने के दौरान पायलट को हर पल सतर्क रहना होता है. दरअसल अगर विमान के पहिए सही जगह पर रनवे को टच नहीं कर रहे हों और दोबारा उड़ान भरना पड़े तो इस टावर से न टकराए.
रेलवे लाइन है बड़ा खतरा
रनवे के दूसरे छोर पर रेलवे लाइन हैं जिस कारण यहां बिजली के तार व पोल हैं. इन पोल की ऊंचाई भी विमानों के लिए बड़ा खतरा हैं, यही वजह है कि 65 सौ मीटर लंबे रनवे का भी इस्तेमाल ठीक से नहीं हो पाता है और 6000 फीट ही उपयोग में आता है.
बर्ड हीट का रहता है खतरा
पटना एयरपोर्ट पर आए दिन बर्ड हीट के मामले आते रहते हैं. दरअसल एयरपोर्ट परिसर के आसपास मांस मछलियों की खुली दुकानें आसमानी खतरें को बुलावा देती हैं और अक्सर विमान परिंदों से टकरा जाते हैं. जिससे इनके असंतुलन का खतरा बना रहता है. पिछले साल दर्जन भर ऐसे मामले आए जब विमान से पक्षियों के टकराने की घटना उड़ान या लैंडिंग के समय हुईं.
ऊंचे-ऊंचे मकान हैं खतरनाक
पटना एयरपोर्ट से सटे फुलवारीशरीफ इलाके में निर्धारित मानकों से ज्यादा ऊंचाई पर कई मकान बने हैं. पटना एयरपोर्ट ने कई बार इस मामले में स्स्थानीय प्रशासन को लिखा भी है, लेकिन इन मकानों पर कार्रवाई न के बराबर हुई है. ऐसे में अगर विमानों को किसी कारण से हवा में चक्कर लगाना पड़े तो सामने भारी खतरा होता है.
बता दें कि कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने पटना एयरपोर्ट के रनवे पर सवाल उठाते हुए कहा कि पटना का रनवे पहले से ही ऐक्सिडेंट प्रोन है. यहां बड़े जहाज अभी भी नहीं उतर सकते हैं क्योंकि रनवे काफी छोटा है. बावजूद इसके 40-50 जहाज़ों का आना -जाना लगा रहता है और यह सबके संज्ञान में है. मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री जानते हैं. पटना एयरपोर्ट को बिहटा में शिफ़्ट करना पड़ेगा या उसको बढ़ाना पड़ेगा. जल्दी से जल्दी पूरी सतर्कता से यह काम करना चाहिए. इस तरह जानें जाएंगी और सरकार हाथ पर हाथ रखकर बैठेगी तो मुश्किल है.
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