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Gorakhpur Flood: करीब 50 हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित है. 6643 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर बाढ़ का प्रभाव है. बाढ़ से परेशान लोगों के लिए प्रशासन की तरफ से 397 नाव की व्यवस्था की गयी है.
हजारों हेक्टेयर धान की फसल बर्बाद
प्रशासन की तरफ से 86 बाढ़ चौकियों को सक्रिय किया गया है. लेकिन प्रशासन के दावे बाढ़ प्रभावित इलाके में ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहे हैं. बाढ़ से सबसे अधिक परेशान वो किसान हैं जिन्होंने धान की बुवाई करा दी थी. उनकी हजारों हेक्टेयर धान की फसल बर्बाद हो गयी. किसानों का कहना है कि बाढ़ ने धान की फसल को तो बर्बाद कर ही दिया साथ ही जो मेहनत और और पैसा लगाया था वो भी बर्बाद हो गया. कोरोना के इस संकट काल में कहीं काम भी नहीं मिल रहा है अब हमारे समाने सबसे बड़ा संकट आने वाले समय में खाने की होगी.
भुखमरी की कगार पर किसानवहीं सब्जी और मूंगफली की बोआई करने वाले किसान भी परेशान हैं. चंद्रबली नामक एक किसान का कहना है कि उनके सामने जानवरों के लिए चारे की समस्या है. चारो तरफ पानी भर जाने के कारण दस किलोमीटर दूर जाकर चारा लाना पड़ रहा है. वहीं मिर्जापुर के किसानों का कहना है कि पानी ने जो बर्बाद किया है वो तो है ही, जो बचा है उसे अब जंगली जानवर बर्बाद कर दे रहे हैं. यानी कि बाढ़ से प्रभावित इलाकों में सिर्फ तबाही ही दिखाई दे रही है.
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