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27 जुलाई को बादल फटने से नदियां और नाले उफान पर आ गए थे. साथ ही भूस्खलन भी हुआ था. इसमें यह पुल ध्वस्त हो गया था.
27 जुलाई को जिले के जौलजीबी सेक्टर में बादल फटने से नदियां और नाले उफान पर आ गए थे. एक बड़ा भूस्खलन भी हुआ था और जौलजीबी-मुनस्यारी रोड का 50 मीटर लंबा एक पुल पूरी तरह ध्वस्त हो गया था. अब बीआरओ ने इस पुल को बनाने में सफलता पाई है.
Uttarakhand: Border Road Organisation (BRO) constructs a bailey bridge on a nullah in Dharchula, Pithoragarh district. Colonel Somendra Banerjee says, “The bridge on this nullah was washed away in flash floods following cloudburst on July 27.” (16.08.2020) pic.twitter.com/neI3CQzEwW
— ANI (@ANI) August 17, 2020
इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘बीआरओ ने 180 फुट लंबा पुल बनाने के लिए अपने संसाधन जुटाए. पुल 16 अगस्त तक सफलतापूर्वक बनकर तैयार हो गया और इससे करीब 20 बाढ़ प्रभावित गांवों को पहुंच मिली है तथा जौलजीबी को मुनस्यारी से जोड़ दिया गया है.’
लगातार भूस्खलन और भारी बारिश के बीच बीआरओ के सामने सबसे बड़ी चुनौती पिथौरागढ़ से बेली ब्रिज के कुछ हिस्सों को ले जाना था. हालांकि, सभी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए बीआरओ 16 अगस्त को बेली ब्रिज को पूरा करने में सफल रहा, जिसने बाढ़ प्रभावित गांवों तक पहुंच दी है और जौलजीबी व मुनस्यारी के बीच कनेक्टिविटी बहाल कर दी है.
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