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जेडीयू सांसद (JDU MP) के आरोपों को खारिज करते हुए बद्री पूर्वे ने कहा कि जमीन तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) के नाम पर नहीं, बल्कि राजद पार्टी कार्यालय खोलने के लिए 2018 में मेरे दूर के रिश्तेदार ने दान में दी.
आरोपों को किया खारिज
जेडीयू नेता के आरोप पर बद्री पूर्वे ने सामने आकर पूरे मामले पर अपना पक्ष रखा. उन्होंने तेजस्वी पर लगाये गये सारे आरोपों को खारिज किया. बता दें कि बद्री पूर्वे वीआईपी पार्टी से नाता तोड़कर राजद में शामिल हो गये. फिलहाल वो पार्टी व्यवसायी प्रकोष्ट के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं.
बद्री पूर्वे ने कहा कि जमीन तेजस्वी यादव के नाम पर नहीं, बल्कि राजद पार्टी के कार्यालय खोलने के लिए 2018 में वासुदेवपुर में मेरे दूर के रिश्तेदार के द्वारा दान में दिया गया है. इस मामले मैं एक माध्यम मात्र था.जदयू के सहयोगी पार्टी भाजपा पर पूर्वे ने आरोप लगाया कि बीजेपी विधायक उस जमीन को लेना चाहते थे. लेकिन उनको न देकर ये जमीन राजद पार्टी के कार्यालय के लिए दे दिया गया, जिसकी बौखलाहट जेडीयू नेता के आरोपों के रूप में सामने आई है.
उन्होंने कहा कि जब 2018 में जमीन दी गयी थी. उस समय चुनाव का समय नहीं था. जेडीयू नेता बौखलाहट में ये बयानबाजी कर रहे हैं, जो सरासर गलत है.
आरजेडी नेता का सीएम नीतीश पर हमला
वहीं राजद के दरभंगा जिलाध्यक्ष राम नरेश यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि ललन सिंह कहते हैं कि जमीन देखने तेजस्वी दरभंगा आये थे. जबकि सच्चाई ये है कि बाढ़ जैसी आपदा में तेजस्वी बाढ़ पीड़ितों के बीच जा रहे हैं. मिल रहे हैं और नीतीश कुमार घर से बाहर तक नहीं निकल रहे हैं. दरअसल तेजस्वी यादव दरभंगा अपने कार्यकर्ता की मौत के बाद उनके परिवार से मिलने आये थे. इसलिए उनपर जमीन लिखवाने का आरोप गलत है. जमीन अमित कुमार ने राजद पार्टी कार्यालय खोलने के लिए दान में था.
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