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राजद नेता तेजस्वी यादव (RJD chief Tejashwi Yadav) ने बिहार के हर विभाग में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में कभी बांध को चूहा काट लेता है कभी बांध बह जाता है.
तेजस्वी ने कहा कि बिहार में कभी बांध को चूहा काट लेता है कभी बांध बह जाता है. आज तो मुख्यमंत्री जी ने इतिहास रचने का काम किया है. उद्घाटन के दिन पुल का पहुंच पथ धंस गया. हम जब सवाल उठाते हैं तब सरकार कहती है हम गलतबयानी करते हैं. ऐसा कहीं भी नहीं हुआ. आखिर इतनी जल्दबाजी में नीतीश कुमार क्यों हैं. तेजस्वी ने नीतीश कुमार को भ्रष्टाचार का भीष्म पितामह तक बता दिया.
भ्रष्टाचार के पितामह हैं नीतीश कुमार-तेजस्वी
राजद नेता ने यह भी कहा कि राज्य के राजस्व में मची लूट के कारण एक बिहारी पर 30 हजार से ऊपर कर्ज होता जा रहा है. नीतीश कुमार श्वेत पत्र जारी करे पुल के एप्रोच रोड टूटने के मामले में सरकार यह भी बताये कि जब प्रदेश में हमारी सरकार थी तो इनकी NDA की तत्कालीन सरकार जो केंद्र में थी और जिसमें बतौर मंत्री ये भी शामिल थे. उस सरकार ने 1999 से 2004 तक बिहार को क्या दिया.खुली बहस करें सीएम नीतीश – तेजस्वी
इनके कारण ही बिहार में सड़कों के निर्माण रोक दी जाती थी. अब तक कितने अरब रुपये भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गये. आज से 12 दिन पहले इस पुल का एप्रोच रोड टूट गया था उसे आनन-फानन में दुरुस्त किया गया, लेकिन आज पुनः टूट गया. हम लोग लगातार सवाल पूछ रहे हैं, लेकिन सरकार जवाब देने से बच रही है. जब नीतीश कुमार उद्घाटन कर रहे हैं तब जिम्मेदारी उनकी है. या तो वो इस्तीफा दें या फिर मुझसे खुली बहस करें.
पुल को बनाने में लगा 6 साल का समय
सारण को चंपारण और तिरहुत से जोड़ने वाला 1506 मीटर लंबे पुल के नर्माण पर 509 करोड़ की राशि खर्च हुई है. 15 मीटर चौड़ाई वाले इस पुल को बनाने में 6 साल four महीने लगे हैं. पुल के चालू होने से 6 जिलों की करीब eight लाख की आबादी के आवागमन में सहूलियत होगी, लेकिन अब इसको लेकर सियासत जोरों पर है .
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