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चिराग पासवान (Chirag Paswan)ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा है कि नीतीश सरकार की नाकामियों को उजागर करें. इस बीच खबर है कि लोजपा संसदीय बोर्ड (LJP Parliamentary Board) की बैठक में बिहार सरकार (Bihar Government) से अपना समर्थन वापसी पर चर्चा हो सकती है.
पप्पू-चिराग मुलाकात के मायने
इस बीच खबर है कि लोजपा जल्द ही संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाएगी और पार्टी का अगला राजनीतिक कदम क्या होगा इस पर फैसला किया जाएगा. सूत्र ये भी बता रहे हैं कि चिराग़ ने पार्टी नेताओं से बैठक में जेडीयू के साथ गठबंधन पर भी फैसला लिए जाने की बात कही है. वहीं एक नई राजनीतिक घटनाक्रम भी हुई है. सूत्रों से खबर है कि शुक्रवार की रात को देर रात चिराग़ पासवान और पप्पू यादव के बीच मुलाकात हुई और करीब चार घंटे दोनों के बीच बंद कमरे में बातचीत होती रही.
बिहार की सियासत में होगा बदलावमाना जा रहा है कि अगर पप्पू यादव और चिराग पासवान में बात बनती है तो हो सकता है कि बिहार में कोई थर्ड फ्रंट की भी सूरत बन जाए. जिसमें सपा, बसपा समेत कई छोटे दल शामिल हो सकते हैं. हालांकि पप्पू और चिराग की मुलाकात का नतीजा क्या रहा ये बात अभी सामने नहीं आ पाई है, लेकिन राजनीतिक जानकार मानते हैं कि अगर ऐसा होता है तो बिहार की सियासत में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है.
जेपी नड्डा से मिल चुके हैं चिराग पासवान
बता दें कि नीतीश कुमार से तल्खी के बीच लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख जेपी नड्डा से गुरुवार को मुलाकात की थी और इस मुद्दे समेत कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की थी. इसके बाद लोजपा अध्यक्ष ने शनिवार को लोजपा के पटना कार्यालय में पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई थी.
जेडीयू और एलजेपी नेताओं के बीच बयानबाजी
इससे पहले सीएम नीतीश पर चिराग के हमले को लेरक जदयू नेता व सांसद ललन सिंह ने हाल ही में चिराग पासवान की तुलना कालिदास से करते हुए कहा था कि वे जिस पेड़ पर बैठे हैं उसी की डाल को काट रहे हैं. उनके इस बयान के बाद लोजपा ने भी जदयू को सूरदास कहा था. ये मुद्दा शनिवार की बैठक में भी उठा और नवादा के सांसद चंदन कुमार ने तल्ख तेवर दिखाते हुए कहा कि उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष के बारे में बोला जायेगा तो वे भी चुप नहॉ बैठेंगे.
चिराग ने ललन सिंह के बारे में कही ये बात
सूत्रों से खबर है कि इस मुद्दे पर चिराग ने ललन सिंह प्रतिक्रिया दी और ललन सिंह को संबोधित करते हुए कहा किआप सम्मानित नेता हैं मुझे कालिदास कहते हैं कहिए, लेकिन उन्हें ये नहीं भूलना चाहिए कि जहां से वो सांसद चुने गए हैं उनके संसदीय क्षेत्र का 1 विधानसभा क्षेत्र उन्हीं के जमुई लोकसभा के अंदर ही आता है.सबके सहयोग के बिना जीत संभव नहीं,बाकी कोई मुझे कुछ भी बोले कोई फर्क मुझे नहीं पड़ता.
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