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इस बात का सबूत है ताजमहल (Taj Mahal) से एक साल में होने वाली इनकम. इनकम भी इतनी कि देश के किसी भी दूसरे मॉन्यूमेंट्स से एक साल में इतनी कमाई नहीं होती है.
इनकम भी इतनी कि देश के किसी भी दूसरे मॉन्यूमेंट्स से एक साल में इतनी कमाई नहीं होती है. बीते वित्तीय वर्ष में ताजमहल पर होनी वाली टिकटों से 96 करोड़ रुपये की इनकम हुई है. तीन साल में ही ताजमहल से होने वाली इनकम दोगुनी हो गई है.
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बीते साल 2019 और मौजूदा साल में देशभर में कई ऐसे काम हुए जिसकी वजह से दूसरे देशों ने अपने देश के पर्यटकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की. जिसके चलते समय-समय पर विदेशी पर्यटकों की संख्या पर खासा असर पड़ा. 2019 में लोकसभा के इलेक्शन हुए. जम्मू-कश्मीर से धारा 370 का हटना. राममंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आना. सीएए-एनआरसी का विरोध-प्रदर्शन चला. दिल्ली में हिंसा हुई. इतना ही नहीं जनवरी से तो कोरोना को लेकर पूरा विश्व ही दहशत में आ गया. ताजमहल जैसी इमारत पर भी ताला लग गया.
ऐसे बढ़ती गई ताजमहल की इनकम
मौजूदा वक्त में ताजमहल पर विदेशी पर्यटकों को 11 सौ रुपये का टिकट लेना पड़ता है. वहीं सार्क देशों के पर्यटकों को 500 रुपये का टिकट. भारतीय पर्यटकों के लिए ताजमहल पर सिर्फ 50 रुपय का टिकट है. इस सब के अलावा ताज के मुख्य मकबरे के पास जाने के लिए 200 रुपये का टिकट अलग से लेना होता है. इस सब के बावजूद ताजमहल पर 2016-17 में 49.16 करोड़ रुपये, 2017-18 56.56 और 2018-19 82.30 करोड़ रुपये की टिकट बिकीं.
वहीं मौजूदा वित्तीय वर्ष 2019-20 में रिकॉर्ड तोड़ 96.01 करोड़ रुपये की टिकट बिकी हैं. दिल्ली में कुतुब मीनार से होने वाली सालाना आय भी 25 करोड़ से अधिक नहीं है. लालकिला से भी सालाना 14 से 15 करोड़ रुपये की इनकम है.
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