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पुलिस की कई टीमें इस मरीज़ की तलाश में जुटी हैं लेकिन उसका कोई सुराग पुलिस को नहीं लग सका है. सीसीटीवी से भी कोई खास मदद नहीं मिल सकी है.
रामनगर से आया था मरीज़
रामनगर के गुलरघट्टी का रहने वाला रहीस अहमद (56) मंगलवार को सुशीला तिवारी अस्पताल लाया गया था. इसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजीटिव आई थी. रहीस अहमद अस्पताल के सी-वार्ड में भर्ती था जहां से यह बुधवार को अचानक गायब हो गया.
मरीज़ों की गिनती करने के दौरान पता चला कि एक मरीज़ कम है. जैसे ही यह खबर अस्पताल मैनेजमेंट को लगी, तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दे दी गई. इसके बाद पुलिस की टीमें इस कोरोना संक्रमित मरीज़ की तलाश में जुट गईं.कम पढ़े-लिखे मरीज़ भाग रहे ज़्यादा
कोरोना हॉस्पिटल हों या कोविड केयर सेंटर वहां से कई मरीज़ भागने का प्रयास कर रहे हैं, ऐसा करने वाले ज़्यादातर कम पढ़े-लिखे मरीज़ हैं. कुछ मरीज़ तो पीपीई किट पहनकर ही फ़रार हो जा रहे हैं जिससे अस्पताल के बाहर बैठे सुरक्षाकर्मी भी चकमा खा रहे हैं. अप्रैल महीने में सुशीला तिवारी अस्पताल से एक मरीज़ ऐसे ही फऱार हो गया था.
सुशीला तिवारी अस्पताल के सीएमएस डॉ. अरुण जोशी कहते हैं कि मरीजों के अचानक फ़रार होने की खबर कोई नई बात नहीं हैं. कोविड से पहले भी मरीज़ कभी-कभी फ़रार हो जाया करते थे लेकिन कोरोना संक्रमित मरीज़ का फ़रार होना चिंता बढ़ा देता है. यह संक्रमित व्यक्ति अपनी बीमारी को छिपाकर कई और लोगों को कोरोना मरीज़ बना सकता है. डॉक्टर जोशी के मुताबिक मरीजों को घबराने की ज़रूरत नहीं है. अस्पताल के डॉक्टर अपना बेहतर से बेहतर मरीजों की केयर के लिए दे रहे हैं.
लगातार फ़रार हो रहे हैं मरीज़
सुशीला तिवारी अस्पताल कुमाऊं के छह ज़िलों नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत, बागेश्वर और ऊधम सिंह नगर का सबसे बड़ा कोविड-19 हॉस्पिटल है. इससे पहले 6 जुलाई को एक हत्या के एक मामले में ऊधम सिंह नगर से कोरोना जांच के लिए अस्पताल लाया गया कैदी भी फ़रार हो गया था. साथ ही एक नेपाली युवक भी फ़रार हो गया था. उन्हें अब तक पकड़ा नहीं जा सका है.
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