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अस्पतालों के इस गैर जिम्मेदाराना रवैये पर जिलाधिकारी ने 5 प्राइवेट अस्पतालों के प्रबंधक से स्पष्टीकरण तलब करते हुए 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा है.
ये की गई सख्त कार्रवाई!
बता दें कि बिहार की राजधानी पटना का आलम ये है कि यहां कोविड-19 के इलाज के लिए चिन्हित किए गए 18 अस्पतालों में से पांच ने निर्देशों को दरकिनार कर कोरोना संक्रमित मरीजों भर्ती ही नहीं किया. लापरवाही को लेकर चौतरफा आलोचना के बाद अब जिलाधिकारी कुमार रवि ने कार्रवाई के नाम पर इन पांच प्राइवेट अस्पतालों के प्रबंधकों को शो कॉज नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब मांगने की खानापूर्ति की है. बता दें कि प्रदेश में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकारी अस्पतालों के अलावा प्राइवेट अस्पतालों को भी कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज की समुचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया था. जिसको लेकर जिलाधिकारी ने 17 जुलाई को प्राइवेट अस्पताल के प्रबंधकों के साथ बैठक आयोजित कर उन्हें अस्पतालों में क्षमता के आधार पर 25 प्रतिशत बेड कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए आरक्षित करने व आइसोलेशन वार्ड बनाने का निर्देश दिया था. लेकिन 23 जुलाई को प्राइवेट अस्पतालों की समीक्षा बैठक में पाया गया कि इन अस्पतालों के द्वारा कोविड-19 संक्रमितों के इलाज हेतु कोई व्यवस्था नहीं की गई है और ना ही इस संबंध में अभिरुचि दिखाई जा रही है. प्राइवेट अस्पतालों के इस गैर जिम्मेदाराना रवैये पर जिलाधिकारी ने 5 प्राइवेट अस्पतालों के प्रबंधक से स्पष्टीकरण तलब करते हुए 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा है.
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जिन प्राइवेट अस्पतालों को नोटिस दिया गया है वो हैं- हाईटेक इमरजेंसी, राजेश्वर हॉस्पिटल, जगदीश मेमोरियल हॉस्पिटल, सहयोग हॉस्पिटल, मिडवर्सल हॉस्पिटल पटना. प्रशासन द्वारा कोविड-19 के इलाज के जारी सूची के मुताबिक़ मरीज इन निजी अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं लेकिन इस संकट की घड़ी में उन्हें इलाज नहीं मिल पा रहा है. मीडिया में खबरें आने के बाद डीएम ने इन निजी अस्पतालों को नोटिस जारी की है.
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