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पसमांदा मुस्लिम महाज के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद वसीम राइन के मुताबिक आरक्षण न मिलने से मुस्लिम दलित मुख्यधारा से कट गए और आज तक राजनीति में उनके समाज का प्रतिनिधित्व नहीं हुआ. न वह सांसद बने और न ही विधायक. जब से केन्द्र में नरेन्द्र मोदी आये हैं मुस्लिम दलितों के अन्दर भी एक आशा का संचार हुआ है कि अब उन्हें भी न्याय मिल जाएगा.
पीएम को संबोधित ज्ञापन सौंपा
बाराबंकी में पसमांदा मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों ने अपर जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापित पत्र भिजवाया है. इन लोगों ने अपने ज्ञापन में प्रधानमंत्री से मांग की है कि जिस तरह हिन्दू और सिख धर्म में आने वाली दलित जातियों को आरक्षण और आगे बढ़ने का लाभ दिया जाता है उसी प्रकार मुस्लिम धर्म में आने वाली दलित जातियों को भी आगे बढ़ने के अवसर दिए जाएं. ज्ञापन में पण्डित नेहरू के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा गया है कि एक साजिश के तहत उस सरकार ने दलित मुसलमानों को आगे बढ़ने से रोक दिया, जिससे आज उनके लोग सांसद, विधायक या अन्य ओहदे तक नहीं पहुंच पा रहे हैं.
Posted by All India Pasmanda Muslim Mahaz on Sunday, February 17, 2019
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पीएम मोदी से बेड़ियां काटने की अपील
ज्ञापन देने आए पसमांदा मुस्लिम समाज के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद वसीम राइन के मुताबिक ‘संविधान का निर्माण हुए अभी एक साल भी नहीं बीता था कि 10 अगस्त 1950 को तत्कालीन प्रधानमंत्री पण्डित नेहरू ने संविधान में एक पैरा और जोड़ दिया कि दलितों को मिलने वाला लाभ केवल हिन्दू दलितों को मिलेगा, बाद में इसमें सिखों को भी जोड़ दिया गया. लेकिन मुस्लिम और ईसाई दलित आज भी इससे वंचित हैं. इसका प्रभाव यह रहा कि मुस्लिम दलित मुख्यधारा से कट गए और आज तक राजनीति में उनके समाज का प्रतिनिधित्व नहीं हुआ. न वह सांसद बने और न ही विधायक. जब से केन्द्र में नरेन्द्र मोदी आये हैं तबसे वह ऐतिहासिक फैसले ले रहे हैं जैसे राम मन्दिर, तीन तलाक और धारा 370, इन फैसलों के बाद मुस्लिम दलितों के अन्दर भी एक आशा का संचार हुआ है कि अब उन्हें भी न्याय मिल जाएगा’. उन्होंने कहा कि हमारी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मांग है कि कांग्रेस ने जो बेड़ियां हमारे पैरों में डाली थीं उन्हें वह काट दें.
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