[ad_1]
पाक सीमा (Pak border) पर अनंतनाग में eight जनवरी को पैर फिसलने से लापता हुए हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी को 21 मई को सेना ने बैटल कैजुअल्टी मान लिया था. पर पत्नी की जिद के आगे सेना करती रही सर्च ऑपरेशन.
पत्र और फोन के जरिए रेस्क्यू की मांग करती रही थीं पत्नी
बैटल कैजुअल्टी का सर्टिफिकेट पाने के बावजूद हवलदार राजेन्द्र की पत्नी और बच्चे इस आस में थे कि हवलदार राजेन्द्र नेगी अब भी डयूटी पर हैं और इस जिद में थे कि जब तक पार्थिव शरीर नहीं मिलेगा, वे आस नहीं छोड़ेंगे. हवलदार राजेंद्र की पत्नी राजेश्वरी नेगी सेना की यूनिट में फोन और लेटर के जरिये अपने पति को रेस्क्यू करने की मांग करती रहीं.
सोमवार को किया जाएगा शहीद का अंतिम संस्कारeight जनवरी को पाकिस्तानी सीमा (Pakistan border) पर अनंतनाग (Anantnag) में पैर फिसलने से लापता हुए हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी को 21 मई को सेना ने बैटल कैजुअल्टी मान लिया था. लेकिन पिछले eight महीने से हर दिन हवलदार राजेन्द्र का परिवार इस उम्मीद में था कि उनके बारे में कोई जानकारी मिले. राजेन्द्र की शहादत को उनकी पत्नी मानने को तैयार नहीं थीं. वह कहती रहीं कि उनके पति ड्यूटी पर ही हैं. अब शनिवार को शहीद का शव गुलमर्ग लाया गया और रविवार को परिवार को सौंपा जाएगा. सोमवार को हरिद्वार में शहीद का अंतिम संस्कार किया जाएगा.
[ad_2]
Source