[ad_1]
तेलवारी गांव के निवासी जगपाल सिंह सूर्यवंशी ने बताया कि यहां पर तैनात शिक्षक (Teachers) झंडारोहण को आये जरूर थे. मगर बाढ़ का पानी देख कर वह भी हार मान गए.
जहां एक दिन पहले तक कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था क्योंकि यह इलाका बाढ़ से घिरा हुआ है. और इसके विद्यालय में भी पानी पूरी तरह से भरा हुआ है. इस विद्यालय में विषैले जीवों के तैरकर आने जाने के करण यहां पालतू जानवर भी नहीं आते. ऐसे में यहां झंडारोहण के लिए आना लोगों के देश के प्रति श्रद्धा और प्रेम को दर्शाता है.
सोशल डिस्टेंसिंग का किया पालन
ग्रामीणों ने पानी में खड़े होकर राष्ट्रगान का घोष करते हुए यह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी करते दिखाई दिए. तेलवारी गांव के निवासी जगपाल सिंह सूर्यवंशी ने बताया कि यहां पर तैनात शिक्षक झंडारोहण को आये जरूर थे. मगर बाढ़ का पानी देख कर वह भी हार मान गए. तब वह लोग यहां आकर झंडारोहण किया है. इस स्कूल में रसोइए का काम करने वाले साहब दीन ने बताया कि पहली बार उन लोगों ने झंडारोहण किया है. अन्यथा हमेशा यहां शिक्षक ही करते आये हैं. मगर आज जब शिक्षकों का साहस जवाब दे गया तो वह कुछ ग्रामीणों के साथ झंडारोहण के लिए आये है. भारत माता के प्रति अपना कर्तव्य निभाने में उन्हें सुखद अनुभूति हो रही है.ये भी पढे़ं- सपा सांसद आजम खान की बढ़ी मुश्किलें, जेल में VIP ट्रीटमेंट मिलने के मामले पर बैठी जांच
दूसरी तस्वीर बाढ़ग्रस्त तहसील सिरौलीगौसपुर की है. जहां के प्राथमिक विद्यालय में भी झंडारोहण किया गया. यह विद्यालय भी बाढ़ के पानी से लबालब है. लेकिन यहां भी देश के प्रति अपनी कर्तव्यनिष्ठा साफ दिखाई दी. यहां विधिवत रूप से अतिथि की उपस्थिति में प्रधानाचार्य ने झंडारोहण भी किया और मिष्ठान का वितरण भी किया.
[ad_2]
Source