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मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन (Muzaffarpur District Administration) को सूचना मिली थी अररिया (Araria) से बच्चे मुजफ्फरपुर के रास्ते दिल्ली ले जाए जा रहे हैं. इसके बाद कार्रवाई की गई और बच्चों को मुक्त करवाया.
दरअसल नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी की संस्था ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ को सूचना मिली थी अररिया से बच्चे मुजफ्फरपुर के रास्ते तस्करी के लिए जा रहे हैं. संस्था ने मुजफ्फरपुर डीएम को इसकी सूचना दी. डीएम के निर्देश पर बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक उदय कुमार झा के नेतृत्व में टीम गठित की गई. जिसमें गायघाट के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी वरुण कुमार चाइल्डलाइन संस्था के उदय शर्मा और कांटी थानेदार कुंदन कुमार की टीम बनाई गई.
टीम ने कांटी थाना के सदातपुर में खड़ी उस बस को रोकना चाहा तो वह नरीं रुकी. पुलिस ने खदेड़ कर बस को कांटी के छपरा धर्मपुर यदु गांव में घेर लिया. रोक कर जब तलाशी ली गई तो 10 बच्चे नाबालिग मिले. सहायक निदेशक उदय झा ने बताया कि इन बच्चों के अभिभावक उनके साथ नहीं थे और बच्चों को यह भी पता नहीं था उन्हें कहां और क्यों ले जाया जा रहा है.
उदय झा ने बताया कि यह एक गंभीर अपराध है. इसे देखते हुए अररिया के बाल तस्कर मोहम्मद मकसूद और मोहम्मद अंसिर को डिटेन कर लिया गया है. पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है. इधर सभी बच्चों को चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया गया है जहां उनकी काउंसलिंग हो रही है.सहायक निदेशक ने बताया कि चाइल्ड वेलफेयर कमिटी में पेश कर कर बच्चों को उनके घर पहुंचाया जाएगा और उन्हें आवश्यक सरकारी सहायता पहुंचाई जाएगी. इधर तस्कर मकसूद से जब हमने बात की तो वह घबरा गया और घबराहट में तरह-तरह के बहाने बनाने लगा.
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