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बाढ़ के कारण विस्थापित लोगों को भोजन कराने के लिए 1239 सामुदायिक रसोई की व्यवस्था की गयी है. दरभंगा जिला (Darbhanga District) में सबसे अधिक 15 प्रखंडों की 220 पंचायतों में बीस लाख से अधिक की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है.
बिहार के सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चंपारण, खगडिया, सारण, समस्तीपुर, सिवान, मधुबनी, मधेपुरा एवं सहरसा जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. इन जिलों के 126 प्रखंडों की 1240 पंचायतों में 74 लाख से अधिक की आबादी बाढ़ से प्रभावित है. बाढ़ के कारण विस्थापित लोगों को भोजन कराने के लिए 1239 सामुदायिक रसोई की व्यवस्था की गयी है. दरभंगा जिला में सबसे अधिक 15 प्रखंडों की 220 पंचायतों में बीस लाख से अधिक की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है.
पुराने रिकॉड तोड़ने पर आमादा है
बता दें बीते शनिवार को खबर सामने आई थी कि कि दरभंगा जिला में इस बार बागमती नदी (Bagmati River) अपने सभी पुराने रिकॉड तोड़ने पर आमादा है. नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. इसकी वजह से नदी के अगल-बगल के इलाके बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. बढ़े हुए जलस्तर (Water degree) ने रेल परिचालन को भी बाधित कर रखा है. खास कर दरभंगा हायाघाट प्रखंड के हायाघाट स्टेशन के करीब बागमती का उग्र रूप देखने को मिल रहा है. हायाघाट स्टेशन के समीप रेल पुल संख्या 16 पर बाढ़ के पानी का दबाब होने के कारण पहले से ही दरभंगा-समस्तीपुर रेल का परिचालन ठप है.बाढ़ का पानी समय के साथ बढ़ता ही जा रहा है
यहां 24 जुलाई से ही रेल परिचालन बंद है और बाढ़ का पानी समय के साथ बढ़ता ही जा रहा है. अब बाढ़ का पानी धीरे-धीरे रेल की पटरी पर भी पहुंच गया है. साथ ही हायाघाट रेल पुल 16 पर पानी का और दबाव बढ़ गया है. बाढ़ का पानी रेल पटरी से अगर जल्द नहीं उतरा तो बाढ़ का पानी रेल पटरी को भी क्षतिग्रस्त कर सकता है. रेल लाइन को बचाने के लिए रेलकर्मी रेल की पटरी पर रेत से भरे बोरे रखकर पानी को आगे बढ़ने से रोकने में जुटे हैं. रेल पटरी पर पानी आने से अब उनलोगों की चिंता बढ़ गई है जो पहले ही बाढ़ के कारण अपना घर छोड़ इन रेल की पटरियों पर अपना आशियाना बना कर रह रहे थे.
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