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मोहम्मद फैज खान छत्तीसगढ़ के चंदखुरी गांव से अयोध्या (Ayodhya) तक पैदल यात्रा पर निकले हैं. माना जाता है कि इसी गांव में भगवान राम की मां कौशल्या का जन्म हुआ था.
मोहम्मद फैज खान छत्तीसगढ़ के चंदखुरी गांव से अयोध्या तक पैदल यात्रा पर निकले हैं. माना जाता है कि इसी गांव में भगवान राम की मां कौशल्या का जन्म हुआ था. अभी मोहम्मद फैज मध्य प्रदेश में पहुंच चुके हैं. मोहम्मद फैज खान ने समाचार एजेंसी को बताया, ‘मैं अपने नाम और धर्म से मुस्लिम हूं लेकिन मैं भगवान राम का भक्त हूं. अगर हम अपने पूर्वजों के बारे में पता करेंगे, तो वे हिंदू थे. उनका नाम रामलाल या श्यामलाल हो सकता है. हम सभी हिंदू मूल के हैं चाहे हम चर्च जाएं या मस्जिद.’
खान भगवान राम को ‘मुख्य पूर्वज’ मानते हैं और उनकी यात्रा पाकिस्तान के कवि अल्लामा इकबाल के जरिये आगे बढ़ी है, जिन्होंने यह समझाने की कोशिश की थी कि “संपूर्ण दृष्टि” वाले व्यक्ति को लगेगा कि राम वास्तव में भारत के स्वामी हैं. अपने रास्ते में आने वाली सभी आलोचनाओं से हैरान फैज ने कहा, ‘पाकिस्तान में कुछ लोगों ने हिंदू और मुस्लिम नामों के साथ फर्जी आईडी बनाई है और एक दूसरे को गाली दे रहे हैं ताकि यह दिखाया जा सके कि सभी समुदाय भारत में लड़ रहे हैं.’
बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर के लिए भूमि पूजन समारोह पांच अगस्त को होगा. समारोह के लिए जिन लोगों को आमंत्रित किया जा रहा हैं उनमें बीजेपी के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी तथा मुरली मनोहर जोशी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत शामिल हैं. दूरदर्शन द्वारा इस समारोह का सीधा प्रसारण किया जाएगा. मंदिर के ट्रस्टी ने यह जानकारी दी.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के एक सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि इनके अलावा, सभी धर्मों के आध्यात्मिक नेताओं को आमंत्रित करने का विचार है. उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर सामाजिक दूरी बनाये रखने के नियम का पालन करते हुए कार्यक्रम में सीमित संख्या लगभग 200 लोगों को बुलाया जाएगा. उन्होंने बताया कि सूची को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है.
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