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वहीं दिल्ली के व्यस्ततम इलाको में से एक आईटीओ के पास अन्ना नगर के झुग्गी बस्ती इलाके में एक घर ढह गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक हादसे के दौरान घर में कोई भी मौजूद नहीं था. घटनास्थल पर केंद्रीकृत दुर्घटना और आघात सेवाओं के सदस्य और अग्निशमन विभाग के लोग वहां मौजूद थे. दिल्ली में इस सीजन में पहली बार इतनी भारी बारिश हुई जिसके बाद निचली जगहों पर पानी भरने की घटनाएं सामने आईं. इसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी की प्रमुख सड़कों पर जाम कि स्थिति भी पैदा हो गई. भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janta Party) के दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी (MP Manoj Tiwari) ने दिल्ली (Delhi) में अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया. तिवारी ने कहा कि मानसून (Monsoon) को लेकर सरकार की तैयारियां पहली तेज बारिश में धुल गईं.
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केजरीवाल ने ट्वीट कर दिया जवाबदिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा कि- इस साल सभी एजेंसियां, चाहें वो दिल्ली सरकार हो या फिर एमसीडी, कोविड-19 से निपटने में व्यस्त रहीं. उन्हें कोरोना के चलते काफी परेशानी उठानी पड़ीं. ये एक दूसरे पर इल्जाम लगाने का वक्त नहीं है. सभी को मिलजुल को अपनी जिम्मेदारियों को निभाना होगा. जहां कहीं भी पानी भरने की स्थिति पैदा हुई है वहां तत्काल रूप से पंप के जरिए पानी निकालने की कोशिश की जा रही है.
बाद में, एक अन्य ट्वीट में मुख्यमंत्री ने कहा मिंटो ब्रिज से पानी निकाला जा चुका है, केजरीवाल ने कहा कि वह सभी जिम्मेदार संस्थाओं के संपर्क में हैं और पानी निकालने के काम पर निगरानी रखे हुए हैं.
वहीं हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के किन्नौर (Kinnaur) जिले में भारी बारिश की आशंका को देखते हुए के बदसेरी गांव के लोगों को खरोघला नाले में आने वाली बाढ़ से बचाया गया.
उत्तराखंड में भारी बारिश बनी आफत
भारी बारिश उत्तराखंड (Uttarakhand) के लिए भी आफत बनी हुई है. उत्तराखंड की गोरी नदी में चार घर और जिले के बंगापानी सब डिवीजन के छोरी बाग गांव में खेती योग्य भूमि का बड़ा हिस्सा बह गया. रविवार को लगातार हो रही बारिश के चलते पिथौरागढ़ मुनस्यारी रोड (Pithauragarh Munsyari Road) पर मदखोट में पुल का एक हिस्सा भी ढह गया. आस-पास के इलाकों में रहने वाले लोग सुरक्षा के चलते पहले ही अपने घरों को छोड़कर जा चुके थे इसलिए इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ.
सीमावर्ती जिले के बंगापानी, मुनस्यारी और धारचूला के उप प्रभागों को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाले सभी मुख्य मोटर मार्ग शनिवार रात भारी बारिश के बाद बंद हो गए हैं. बंगापानी के एसडीएम इन चार्ज एके शुक्ला ने कहा कि प्रभावित परिवारों को 20 किलो राशन और करीब 1.19 लाख रुपये का अन्य जरूरी सामान मुआवजे के तौर पर दिया गया है. बद्रीनाथ राजमार्ग भंवरानी और पीपलकोटी क्षेत्र में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के कारण बंद हो गया था. चमोली जिला प्रशासन और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) को राजमार्ग को साफ कर किया. जिला प्रशासन ने फंसे हुए यात्रियों को पानी की बोतल और बिस्किट बांटे.
दक्षिणी भारत में, मानसूनी बारिश के कारण कोच्चि के एक तटीय गांव चेल्लनम के आवासीय क्षेत्रों में पानी भर गया.
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असम में 27 लाख लोग प्रभावित, 107 लोगों की मौत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को बाढ़ के कहर से निपटने में असम को हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया. असम में इस साल अब तक 81 लोगों की जान जा चुकी है. मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने प्रधानमंत्री मोदी को लोगों के सामने आने वाली समस्याओं से निपटने के लिए राज्य द्वारा अब तक किए गए सभी उपायों की जानकारी दी. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने कहा कि इस साल बाढ़ और भूस्खलन में मरने वालों की कुल संख्या राज्य भर में 107 हो गई है, जिनमें से 81 बाढ़ की घटनाओं में मारे गए और 26 लोगों की मौत भूस्खलन के चलते हो गई है.
असम के 33 जिलों में से 26 में बाढ़ ने 27 लाख से अधिक लोगों को प्रभावित किया है और कई स्थानों पर बड़ी संख्या में घर, फसल, सड़क और पुल आदि बर्बाद हो गए हैं.
भारत में छह फीसदी अधिक बारिश
भारत के मौसम विभाग (आईएमडी) ने रविवार को कहा कि इस मानसून के मौसम में देश में सामान्य से छह फीसदी अधिक बारिश हुई है, लेकिन उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में बारिश की कमी बनी हुई है. आईएमडी के चार मौसम विभाग हैं और दक्षिण प्रायद्वीप, मध्य भारत और पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के डिवीजनों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है.
आईएमडी के अनुसार, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और राजस्थान को कवर करने वाले उत्तर-पश्चिम भारत डिवीजन में 19 फीसदी की कमी दर्ज की गई है.
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