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लखनऊ (Lucknow) के पीजीआई में कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद ही किसी मर्ज का इलाज किया जाता है. इसे लेकर जालसाजों ने फर्जी निगेटिव रिपोर्ट बनाने का खेल शुरू कर दिया.
1500 रुपए में फर्जी टेस्ट रिपोर्ट
दरअसल पीजीआई में कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद ही किसी मर्ज का इलाज किया जाता है. इसे लेकर जालसाजों ने फर्जी निगेटिव रिपोर्ट बनाने का खेल शुरू कर दिया. पता चला कि जालसाजों ने 1500 रुपये में पीजीआई की फर्ज़ी कोरोना रिपोर्ट तैयार की. दो मरीज़ों को जालसाज़ों ने कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट बनाकर दी.
कार्डियोलाॅजी विभाग के डॉक्टर ने पकड़ी रिपोर्टइस फर्जीवाड़े का पता तब चला, जब कार्डियोलॉजी विभाग में ये फर्जी रिपोर्ट जमा हुई. रिपोर्ट की जांच में कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ शशांक पांडे ने फर्जीवाड़ा पकड़ा. पता चला कि गोंडा के दो युवकों से कोरोना रिपोर्ट फर्जी है. ये दोनों युवक इलाज के लिए लखनऊ आए थे और पीजीआई के बाहर माधव सेवा आश्रम में रुके थे. फर्ज़ी कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट से पीजीआई स्टॉफ के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया गया.
एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने शुरू की जांच
मामले में अब पीजीआई की सुरक्षा समिति अध्यक्ष प्रोफेसर एसपी अंबेश ने एफआईआर दर्ज करा दी है. पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है. पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय का कहना है कि ये गंभीर मामला है. इस मामले में पीजीआई थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है. मामले में पीजीआई कर्मचारियों के मिलीभगत की भी जांच की जा रही है. जांच के बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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