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बीएचयू (BHU) के सर सुन्दरलाल हॉस्पिटल (Sir Sundarlal Hospital) में बड़ी लापरवाही देखने को मिली कोरोना संक्रमित एडिशनल सीएमओ डॉ जंग बहादुर की मौत के बाद उनके शव की अदला बदली हो गई.
ऐसे खुला मामला
मामला उस वक्त खुला जब जब सीएमओ के परिजन डेथ बॉडी को लेकर हरीश चंद्र घाट पहुचें और बॉडी का दाह संस्कार करने लगे. उसी समय दूसरे परिवार के लोग उस बॉडी को अपना बताने लगे. जिसके बाद दोनों परिवार बीएचयू मोर्चेरी पहुचें और अपने-अपने बॉडी की मांग करने लगें.
जिलाधिकारी कार्यालय ने कही ये बातसूचना पाकर पहुचीं स्वास्थ्य विभाग की टीम और बीएचयू के डॉक्टरों ने जब मामला समझा तो होश उड़ गए. हालांकि मामले को जब अधिकारियों ने समझा तो पता चला कि शवो की अदला बदली हो गयी है.
जिलाधिकारी कार्यालय से इस बारे में विज्ञप्ति जारी की गई जिसमें बताया गया कि कोरोना काल में प्रोटोकॉल के अनुसार रैपर पैक्ड डेड बॉडी दिये जाने का ही प्रावधान है. हरिशचन्द घाट पर इस डेड बॉडी के लकड़ी की चिता पर दाह संस्कार के समय दूसरे डेड बॉडी के परिजन पहुंचें और बताया कि यह डेड बॉडी उनके परिवार की है. शायद डॉ जंग बहादुर की डेड बॉडी अभी मर्चरी में ही हैं. डॉ जंग बहादुर के परिजन बीएचयू मर्चरी में पहुँचकर उनकी डेड बॉडी को प्राप्त किया तथा उसे विद्युत शवदाहगृह में ले जाकर अपने और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं अन्य स्टाफ की उपस्थिती में अंतिम संस्कार किया. दूसरे मृत व्यक्ति के परिजनों ने घाट पर बिना किसी विरोध के जलती हुयी चिता को स्वीकार किया और आगे अंतिम संस्कार के रीति-रिवाजों को पूर्ण कराया.
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