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भोजपुर के जगदीशपुर स्थित किले में हुई इस घटना के बाद प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं. हरेक साल इस किले में 23 अप्रैल को विजयोत्सव के मौके पर सरकारी कार्यक्रम का भी आयोजन होता है.
ये कोई पहली बार नहीं है जब असामाजिक तत्वों ने ऐसा किया हो. इससे पहले भी शरारती तत्वों ने कुंवर सिंह किला सह संग्रहालय पर लिखावट और छेड़छाड़ की थी. इस बार भी किले पर अपराधियों का अड्डा लिखे जाने से स्थानीय लोगों में आक्रोश है क्योंकि कुछ साल पहले भी किले पर शरारती तत्वों ने पेंट कर दिया था. किला परिसर में रह रहे कुंवर सिंह के वंशज रोहित सिंह ने किले की मुख्य दीवार पर अपराधियों का अड्डा उनेके द्वारा ही लिखे जाने की बात स्वीकारते हुए जगदीशपुर अनुमंडल प्रशासन और स्थानीय थाने पर किला परिसर में नशा करनेवालों और अपराधियों का अड्डा होने की जानकारी देने पर भी कोई कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है.
वीर कुंवर सिंह के वंशज रोहित सिंह के मुताबिक पूरा किला परिसर शाम होते ही नशा करनेवालों से भर जाता है और अपराधी तत्व के लोग किला परिसर में उत्पात करते हैं लेकिन न तो किले में कोई पुलिसकर्मी रहता है ना ही यहां बनाये गए संग्रहालय का कोई गार्ड. उन्होंने कहा कि जब मैं इन बातों की जानकारी प्रशासन को देता हूँ तो कार्रवाई की जगह उल्टा उन्हें ही किसी मामले में फंसा कर जेल भेज दिया जाता है, यही वजह है कि उन्होंने किले की मुख्य दीवार पर अपराधियों का अड्डा लिख दिया है ताकि अनुमंडल प्रशासन किले में जमावड़ा लगानेवाले अपराधियों पर कार्रवाई करे.
इन सबके बीच स्थानीय लोगों में इस किले कि मुख्य दीवार पर अपराधियों का अड्डा लिखे जाने से आक्रोश है. इलाके के राजद नेता गोरखनाथ यादव बताते हैं कि पहले भी कुंवर सिंह के इस महत्वपूर्ण धरोहर के साथ छेड़छाड़ की गई थी और आज किले की मुख्य दीवार पर इस तरह की बात लिखना महान स्वतंत्रता सेनानी बाबू वीर कुंवर सिंह की धरोहर के साथ भद्दा मजाक है और ऐसा करनेवाले पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
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