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विधानसभा का मॉनसून सत्र देहरादून में 23 से 25 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा
5 महीने की आंख-मिचौली
त्रिवेंद्र कैबिनेट ने मार्च में कोविड फंड में सभी विधायकों के वेतन भत्तों से एक साल तक तीस फीसदी कटौती का फैसला किया था लेकिन जब कटौती की बारी आई तो सत्ता पक्ष के विधायकों ने अपने-अपने हिसाब से कटौती कराई.
इसके विपरीत कांग्रेस के सभी 11 विधायकों ने सरकार के फ़ैसले के अनुरूप वेतन भत्तों में तीस फीसदी कटौती कराई थी. इस पर खूब राजनीति भी हुई. भाजपा की कथनी और करनी में अंतर बताते हुए कांग्रेस लगातार सरकार और भाजपा को घेर रही थी.त्रिवेंद्र कैबिनेट की गुरुवार को हुई मीटिंग में 14 प्रस्ताव रखे गए, जिनमें से 13 को कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी जबकि एक प्रस्ताव को अगली कैबिनेट के लिए रेफ़र कर दिया गया.
कैबिनेट के कुछ अन्य महत्वपूर्ण फ़ैसलों पर एक नज़र…
- प्रस्तावित जमरानी और सौंग बांध के लिए अलग अलग पीआईयू के गठन को मंजूरी. जमरानी में 82 तो सौंग के लिए बनाई गई पीआईयू में 61 पदों की स्वीकृति. सेवा हस्तांतरण के माध्यम से सिंचाई विभाग से लिए जाएंगे कर्मचारी. दोनों परियोजनाओं में आउटसोर्स के 112 पदों को भी स्वीकृति मिल गई है.
- जौनसार बावर क्षेत्र में वर्ग चार की भूमि के विनियमतिकरण हेतु जौनसार भावर ज़मींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था 1956 में संशोधन किया गया है. इससे 1983 से पूर्व से वर्ग चार की भूमि पर काबिज इस क्षेत्र के लोगों को भी अब मालिकाना हक मिल सकेगा.
- एम्स ऋषिकेश के नजदीक रोगी सहायक केन्द्र बनाने के लिए भाऊराव देवरस न्यास, निरालानगर लखनऊ को पौने दो हेक्टेयर भूमि लीज़ पर देने को मंज़ूरी दी गई है.
- 23 से 25 सितंबर तक विधानसभा का मॉनसून सत्र देहरादून में आयेाजित करने का फ़ैसला भी किया गया.
- हाईकोर्ट नैनीताल के रिटायर चीफ जस्टिस और जस्टिस के सेवक भत्ता एवं मिनिस्ट्रियल भत्ते में बढ़ोत्तरी को मंज़ूरी दी गई है.
- चिकित्सा विभाग के नर्सिंग सेवा संवर्ग के उन कर्मचारियों को, जो 2017 तक शिक्षा चिकित्सा विभाग में कार्य कर रहे थे के संविलियन को मंज़ूरी मिल गई है.
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