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वैसे तो मंदिर ट्रस्ट की बैठक के बाद 5 अगस्त की तारीख तय की गई है, लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं कि 5 अगस्त को खास तौर से चुना गया है. इस बात का पुख्ता आधार है कि 5 अगस्त की तारीख को बहुत सोच समझकर तय किया गया है.
इसी दिन धारा 370 का खात्मा
दिमाग पर जोर डाले तो यह आसानी से समझा जा सकता है कि 5 अगस्त की तारीख को क्यों चुना गया है? हम सभी को पता है कि बीजेपी व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वर्षों से टॉप थ्री एजेंडे रहे हैं. पहला, धारा 370 का खात्मा, दूसरा अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण और तीसरा देश मे समान नागरिक संहिता लागू करना. आपको यदि ध्यान आ रहा हो तो 5 अगस्त ही वो वो तारीख है जिस दिन गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में इस बात की घोषणा की थी कि धारा 370 को हटाया जाता है. धारा 370 के हटाने के बाद जम्मू कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश प्रदेश भी घोषित किया गया था. आरएसएस के टॉप three एजेंडे में से एजेंडे में से पहला एजेंडा मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को पूरा कर दिया था.
अब राम मंदिर का शिलान्यास भीएक बार फिर से बीजेपी व आरएसएस के टॉप three एजेंटों में से दूसरे एजेंडे को पूरा करने की बारी है. वैसे तो अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण का रास्ता पिछले साल ही खुल गया था जब सुप्रीम कोर्ट ने रामलला के पक्ष में फैसला सुनाया था. तभी से इस बात का इंतजार किया जा रहा था कि मंदिर निर्माण की औपचारिक शुरुआत कब होगी. मोदी सरकार और मंदिर ट्रस्ट ने उसकी तिथि चुनी 5 अगस्त. यानी वही तिथि तिथि जिस दिन धारा 370 को हटाया गया था. एक बार फिर से दूसरे एजेंडे को उसी दिन अमलीजामा पहनाया जाएगा जिस दिन पहले एजेंडे को पूरा किया गया था.
ज्योतिष के लिहाज से भी बहुत शुभ दिन
भोपाल के मशहूर ज्योतिषाचार्य आचार्य राजेश ने बताया कि 5 अगस्त की तारीख बहुत ही शुभ है. यह दिन हिंदू कैलेंडर के मुताबिक भादो महीने की द्वितीय तिथि है. धनिष्ठा नक्षत्र की इस तिथि पर जो भी धार्मिक कार्य किए जाते हैं वह बहुत ही शुभ होते हैं. आचार्य राजेश ने बताया कि भूमि पूजन का समय दिन के 11:00 से 12:00 के बीच सबसे उत्तम है.
2023 तक बनने की उम्मीद
तमाम वास्तुशिल्पियों से बातचीत के बाद यह तय पाया गया है कि शिलान्यास से मंदिर के औपचारिक उद्घाटन तक में लगभग three साल का समय लगेगा. देश में अगला चुनाव 2024 में होना है. ऐसे में इस बात की पूरी उम्मीद है कि 2023 तक अयोध्या में राम मंदिर का भव्य स्वरूप खड़ा हो जाएगा. जाहिर है देश की राजनीति को बदलने वाले इस मुद्दे के आधार पर ही 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ा जाएगा.
बीजेपी के प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने बताया कि अयोध्या में बनने वाला मंदिर सिर्फ राम मंदिर नहीं बल्कि राष्ट्र मंदिर होगा. इसमें देश की करोड़ों जनता कासंकल्प श्रााद्धआ और शक्ति लगेगी सैकड़ों वर्षो से जो इंतजार देश की जनता कर रही थी उसके पूरा होने का अब समय आ गया है.
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