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उत्तराखंड की टीचर और प्रिंसिपल एसोसिएशन अकादमिक ढांचा बदलने का विरोध कर रहे हैं
शिक्षक विरोध में
बता दें कि 2013 में शिक्षा विभाग की तरफ से जो अकादमिक ढांचा बनाया गया उसमें शीर्ष डायरेक्टर, डिप्टी डायरेक्टर, विधि अधिकारी के अलावा पूरे ढांचे में अन्य पदों को लेकर विवाद शुरू हो गया था. इसके बाद 2013 का ढांचा उत्तराखंड में लागू नहीं हो पाया था.
अब दोबारा से एससीईआरटी और डायट का अकादमिक ढांचा बदला जा रहा है लेकिन प्रदेश के शिक्षक संगठन इसका विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि इस बार भी उन लोगों को ढांचे में शामिल किया जा रहा है जिनका कोई भी अकादमिक कैरियर नही है. एडमिनिस्ट्रेशन पद के लोग अकादमिक संस्थाओं को नहीं चला सकते. साथ ही निदेशालय, अकादमिक और रिसर्च और ट्रेनिंग ऑफिस की व्यवस्था का भी विरोध किया जा रहा है.
प्रशासनिक संवर्ग कर रहा है खेल
प्रिंसिपल प्रोग्रेसिव एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह नेगी कहते हैं कि प्रशासनिक संवर्ग के लोग ढांचे में फिट नहीं हो रहे थे इसीलिए 2013 का मॉडल लागू नहीं किया जा सका. अब फिर अधिकारी अपने लोगों को फिट करने के हिसाब से ही नया ढांचा तैयार कर रहे हैं.
दूसरी ओर इस बदलाव की निगरानी कर रहीं सीमैट डायरेक्टर सीमा जौनसारी कहती हैं कि इस बात का ख्याल रखा जाएगा कि किसी पद पर विवाद न हो. लेकिन विवाद तो शुरु हो चुका है. अब उनकी और शिक्षा विभाग की काबिलियत इसमें दिखनी है कि वह इसे बढ़ने दें और 2013 के विपरीत सफलता से लागू कर लें.
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