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गाजीपुर के दो दिग्गज भाजपा नेता वर्तमान समय में अलग-अलग राज्यों में राज्यपाल और उप राज्यपाल के पद पर आसीन हैं. कलराज मिश्रा (Kalraj Mishra) जहां राजस्थान के राज्यपाल हैं, वहीं मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) अब जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल बनाए गए हैं.
गाजीपुर के एक गौरव कलराज मिश्रा
गाजीपुर के इन दोनों राजनेताओं ने अपने राजनीतिक जीवन में कई महत्त्वपूर्ण मुकाम हासिल किए हैं. गाजीपुर के सैदपुर तहसील के मलिकपुर गांव में 1 जुलाई 1941 को जन्म लेने वाले कलराज मिश्रा ने वाराणसी के काशी विद्यापीठ से अपनी शिक्षा पूरी की. छात्र जीवन से ही राजनीति में कदम रखने वाले कलराज मिश्रा ने अपने राजनीतिक सफर में कई पदों को सुशोभित किया. वे वर्ष 1978 से 1984 और वर्ष 2001 से 2012 तक तीन बार राज्यसभा सदस्य रहे. कलराज मिश्रा वर्ष 1986 से 2001 तक उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य रहे हैं. वे 1997 से वर्ष 2000 तक उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं. वर्ष 2014 में देवरिया लोकसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद कलराज मिश्रा को मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया. फिलहाल कलराज मिश्रा को 9 सितंबर 2019 को राजस्थान का राज्यपाल बनाया गया.
गाजीपुर के दूसरे गौरव मनोज सिन्हापूर्वांचल के विकास पुरुष के रूप में अपनी पहचान रखने वाले मनोज सिन्हा का जन्म गाजीपुर की मोहम्मदाबाद तहसील के मोहनपुरा गांव में 1 जुलाई 1959 को हुआ. अपनी शुरुआती शिक्षा गाजीपुर में पूरी करने के बाद मनोज सिन्हा ने बीएचयू से बीटेक किया. बीएचयू में अध्ययन के दौरान ही मनोज सिन्हा सक्रिय राजनीति से जुड़ गए. एबीवीपी कार्यकर्ता के रूप में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले मनोज सिन्हा 1980 और 1982 में दो बार बीएचयू छात्र संघ के अध्यक्ष रहे हैं. 1984 में गाजीपुर लोकसभा सीट के लिए बीजेपी ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया, लेकिन इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. वर्ष 1996 और वर्ष 1999 में मनोज सिन्हा गाजीपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए. 2014 में मनोज सिन्हा तीसरी बार गाजीपुर लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीते और सांसद बने. जिसके बाद उन्हें मोदी सरकार में रेल एवं संचार राज्य मंत्री बनाया गया. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में गाजीपुर सीट से उन्हें हार का सामना करना पड़ा. फिलहाल मनोज सिन्हा को जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल बनाया गया है. मनोज सिन्हा को उपराज्यपाल बनाए जाने के बाद से गाजीपुर में उनके समर्थकों और बीजेपी कार्यकर्ताओं में खुशी और हर्ष का माहौल है. गाजीपुर के लोगों को जिले के दो दिग्गज नेताओं के राज्यपाल और उपराज्यपाल के पदों पर आसीन होने से गर्व महसूस हो रहा है.
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