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Shri Krishna Janamashtami Celebration: भगवान राम के दरबार में भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव की छटा देखने लायक होगी. भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव राम जन्मभूमि में ऐसे ही मनाया जाता है, जैसे भगवान राम का जन्म उत्सव मनाया जाता है.
तीन तरह की पंजीरियों का भोग
भगवान राम के दरबार में भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव की छटा देखने लायक होगी. भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव राम जन्मभूमि में ऐसे ही मनाया जाता है, जैसे भगवान राम का जन्म उत्सव मनाया जाता है. इस दरमियान भगवान को विशेष तरीके की तीन तरह की पंजीरीयों का भोग लगेगा. साथ ही पंचामृत से भगवान को स्नान कराया जाएगा और नए वस्त्र धारण कराए जाएंगे. ऋतु फल और मिष्ठान्न का भोग लगेगा और भगवान के भोजन में भी व्यंजन शामिल किए जाएंगे. साथ ही रात्रि के 12:00 बजे भगवान श्री कृष्ण का जन्म होगा और अगले दिन सुबह रामलला के दरबार में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं और सुरक्षा बल को भगवान राम के जन्मोत्सव का प्रसाद वितरित किया जाएगा.
रामलला के पुजारी ने कही ये बातराम जन्मभूमि के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि राम जन्मभूमि पर भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव उसी तरीके मनाया जाता है जिस तरह भगवान राम का जन्म उत्सव मनाया जाता है. इस दरमियान भगवान को सिंघाड़े की पंजीरी, राम दाने की और धनिया की पंजीरी का भोग लगाया जाता है. भगवान को पंचामृत से स्नान कराया जाएगा और भगवान को भोग में ऋतु फल के साथ मिष्ठान को शामिल किया जाएगा रात्रि 12:00 बजे भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव कराया जाएगा और अगले दिन प्रसाद रामलला के दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं में वितरित किया जाएगा. आचार्य सत्येंद्र दास की मानें तो उनका कहना है कि भगवान राम और भगवान कृष्ण दोनों एक हैं. इसलिए भगवान राम के जन्म के तर्ज पर ही रामलला के दरबार में भगवान कृष्ण का जन्म उत्सव मनाया जाता है. भगवान ने दोनों ही अवतारों में आकर के धर्म की स्थापना की है.
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