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उत्तराखंड भाजपा (BJP) की पत्रिका का विशेषांक बना गलतियों का पिटारा. केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों के प्रकाशन में भूल पर भारी किरकिरी के बाद पार्टी ने प्रकाशित की गई 5000 कॉपी वापस लेकर दी सफाई.
देवकमल में हुई बड़ी गलतियों पर एक नज़र
- इसमें लिखा गया है कि भाजपानीत राजग को लोकसभा चुनाव 209 में ज़बर्दस्त जनादेश मिला.
- कोरोना वायरस, कोविड-19, का खतरा 30 अंक बढ़ा दिया गया है. देवकमल के अनुसार भारत ने कोविड-49 से बहुत धैर्य के साथ लड़ाई लड़ी है.
- एक बार फिर 30 नंबर का गलत इस्तेमाल किया गया है. लिखा गया है कि जनता ने 2044 में (वर्ष 2014 की जगह) एक बड़े परिवर्तन के लिए वोट किया था.
- राष्ट्रपति ने 30 मई, 2049 को (2019 की जगह) पीएम मोदी और उनके मंत्रिपरिषद के सदस्यों को शपथ दिलाई.
- जम्मू कश्मीर को लेकर उत्साह दोगुना हो गया और 30 की जगह साल में 60 नंबर जोड़ दिए गए. लिखा गया है कि जम्मू-कश्मीर पुर्नगठन बिल-2079 को राष्ट्रपति ने नौ अगस्त को मंज़ूरी दी.
- दो नए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख 34 अक्टूबर को अस्तित्व में आए.
- 46 जनवरी को भारत सरकार, त्रिपुरा एवं मिजोरम सरकार के बीच ऐतिहासिक समझौता हुआ.
फॉन्ट की गलती
ऐसी कई गलतियां (जिन्हें पत्रकारिता में ब्लंडर माना जाता है) इस पत्रिका में हैं. हालांकि मीडिया की सुर्खियां बनने के बाद पार्टी ने पत्रिका का वितरण रोक दिया है. इसकी करीब 5000 प्रतियां छपाई गई थीं. पार्टी का कहना है कि फॉन्ट की गलती से ऐसा हो गया.
लेकिन सवाल यह है कि three जुलाई को भाजपा ने जब समारोहपूर्वक प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत के हाथों इस पत्रिका का विमोचन करवाया था, तब तक किसी ने भी इसे नहीं पढ़ा था. पत्रिका के विमोचन कार्यक्रम में भाजपा के कुछ विधायक, नेता और कार्यकर्ता भी मौजूद थे.
पत्रिका के संपादक राम प्रताप मिश्र साकेती हैं. पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन का कहना है कि पत्रिका के संपादक ने अपनी गलती स्वीकारी है. उनका कहना है कि फॉन्ट चेंज होने के कारण ऐसा हुआ लेकिन, इस सवाल का पूरी पार्टी के पास जवाब नहीं है कि क्या किसी ने भी इसे खोलने की ज़हमत नहीं उठाई.
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