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सोमवार को अचानक श्याम जाजू हरिद्वार के दक्षिण काली मंदिर में पूजा अर्चना करते देखे गए. श्याम जाजू की अचानक हरिद्वार में मौजूदगी पर सियासी पारा गर्म हो गया क्योंकि रविवार को ही पार्टी ने सार्वजनिक मंच से कहा था कि उनको नियमानुसार क्वारंटीन कर दिया गया है.
दक्षिण काली मंदिर में की पूजा-अर्चना
लेकिन सोमवार को अचानक श्याम जाजू हरिद्वार के दक्षिण काली मंदिर में पूजा अर्चना करते देखे गए. श्याम जाजू की अचानक हरिद्वार में मौजूदगी चर्चा का विषय बन गई. जिसने भी सुना वो चौंक गया. क्योंकि कुछ ही घंटों पहले रविवार को पार्टी ने सार्वजनिक मंच से कहा था कि उनको क्वारंटीन कर दिया गया है. उनका कोविड-19 टेस्ट कराया जाएगा. सवाल उठता है कि श्याम जाजू होम क्वारंटीन का नियम तोड़ कैसे हरिद्वार पहुंच गए. इस मामले को लेकर सियासी पारा भी गर्म हो गया है. कांग्रेस ने भाजपा पर भेदभाव पूर्ण तरीके अपनाने के आरोप लगाए.
होम क्वारंटीन का उल्लंघन करने वाले दर्जनों लोगों पर केसराज्य में अभी तक होम क्वारंटीन का उल्लंघन करने पर दर्जनों लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा चुका है. फिर श्याम जाजू को कैसे हरिद्वार जाने और मंदिर में पूजा-अर्चना की इजाजत दे दी गई. हरिद्वार के जिस दक्षिण काली मंदिर में श्याम जाजू पूजा कर रहे थे. वहां की वीडियो फुटेज दिखाती है कि मंदिर के पुजारी से लेकर किसी ने भी मॉस्क नहीं पहना है. इस संबंध में श्याम जाजू का कहना है कि वे होम-क्वारंटीन हैं इसलिए सारे पब्लिक कार्यक्रम कैंसिल किए हैं. वहीं मंदिर में पूजा कार्यक्रम पर उनका कहना है कि ये उनका व्यक्तिगत कार्यक्रम है जो कि चौंकाता है. दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत भी उनके बचाव में उतर आए उनका कहना है कि श्याम जाजू का कोविड टेस्ट हो चुका है और रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है. लेकिन ये टेस्ट कब हुआ, सैंपल किसने लिया, कब रिपोर्ट आई इन सवालों का जवाब उनके पास नहीं है.
कांग्रेस ने खोला मोर्चा
वहीं श्याम जाजू के इस मुददे पर कांग्रेस ने राज्य सरकार को आडे़ हाथ लिया. कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि पहले दिन से ही राज्य सरकार पक्ष और विपक्ष के लिए अलग-अलग नियम बनाए हुए है. पंद्रह मार्च को जब उत्तराखंड में कोविड-19 का पहला केस आया तो तब से ही राज्य सरकार भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाए हुए है. धस्माना का कहना है कि पंद्रह मार्च को राज्य में पहला केस आने के बाद 16 मार्च केा जब मैं दून हॉस्पिटल में व्यवस्थाएं देखने गए तो मुझे क्वांरटीन कर दिया गया. मेरे साथ सत्ता पक्ष के विधायक भी दून हॉस्पिटल गए थे, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. धस्माना का कहना है कि जब कांग्रेस ने जन-समस्याओं को लेकर प्रदर्शन किया तो प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह से लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत, पूर्व मंत्री तिलकराज बेहड़ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया गया. लेकिन रविवार को जब भाजपा कार्यालय में रूड़की के मेयर की घर वापसी के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने सोशल डिस्टेंसिंग को तार-तार किया तो कोई एक्शन नहीं लिया गया.
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इससे पहले भी पांच जुलाई को श्याम जाजू ऋषिकेश आए थे. यहां उन्होंने कोरोना योद्वाओं को सम्मानित करने संबंधी एक कार्यक्रम में शिरकत किए थे. क्या श्याम जाजू तब भी दिल्ली से आए थे. ये बताने को कोई तैयार नहीं क्योंकि नेताओं की ये सियासी यात्राएं कोरोना काल में कभी भी भारी पड़ सकती हैं. बहरहाल राज्य की भाजपा सरकार ताजा मामले में बैकफुट पर है. रविवार को पार्टी कार्यालय में लगी भीड़ के बाद पार्टी ने अब ये तय किया है कि प्रेस कान्फ्रेंस भी वर्चुअल तरीके से की जाएगी. साथ ही अब पार्टी कोई बड़ी मीटिंग भी आयोजित नहीं करेगी.
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