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महिला पुलिस के कोरोना पॉजिटिव (Corona optimistic) आते ही eight अन्य कर्मचारियों को क्‍वारंटीन कर दिया गया है. साथ ही पुलिस हेडक्‍वार्टर को सैनिटाइज भी किया गया.

देहरादून. उत्तराखंड (Uttarakhand) के पुलिस मुख्यालय भी अब कोरोना वायरस से अछूता नहीं रहा. पुलिस हेडक्वार्टर (Police Headquarters) के सेक्शन एक में तैनात महिला कांस्टेबल (Female Constable) रैपिड एंटीजन टेस्ट में पॉजिटिव पाई गई है. इससे पुलिस हेडक्वार्टर में हड़कम्प की स्थिति बन गई है. महिला पुलिस के कोरोना पॉजिटिव (Corona optimistic) आते ही सेक्शन के आठ अन्य कर्मचारियों को तुरंत ही क्‍वारंटीन कर दिया गया है. साथ ही सेक्शन के साथ मुख्यालय को सैनिटाइज करने का भी काम देर शाम शुरू कर दिया गया.

जानकारी के मुताबिक, महिला का पति हरिद्वार में पुलिस डिपार्टमेंट में ही तैनात था, लेकिन आजकल ड्यूटी के लिए उत्तरकाशी जिले में गए हैं, जहां उसे कोरोना पॉजिटिव पाया गया. पति के पॉजिटिव आने के बाद पुलिस हेडक्वार्टर में तैनात महिला का भी रैपिड एंटीजन टेस्ट करवाया गया. इसके बाद महिला की पॉजिटिव रिपोट आई है. इसके बाद महिला को अस्पताल में एडमिट किया गया है.

अभी तक तक राज्य में करीब 120 पुलिस जवानों में कोरोना की पुष्टि हुई
उत्तराखंड पुलिस महकमे में कोरोना पॉजिटिव का यह पहला मामला आया है, जिससे मुख्यालय में हड़कम्प मच गया है. आपको बता दें राज्य में लगातार बढ़ रहे  संक्रमण के मामले ने अब पुलिस जवानों को भी अपने गिरफ्त में ले लिया है. अभी तक तक राज्य में करीब 120 पुलिस जवानों में कोरोना की पुष्टि हुई है जिसमें सबसे ज्यादा नैनीताल जिले में मिले हैं. इनमें से 21 पुलिस जवान ठीक होकर वापस ड्यूटी पर भी तैनात हो गए हैं और अन्य पुलिस जवानों का अलग-अलग जिलों के अस्पतालों में इलाज चल रहा है. पुलिस जवानों में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए इन जवानों से संपर्क में आए करीब 1450 पुलिस कर्मियों को ऐतिहातन क्वारेंटिन किया गया है.दो मरीज प्लाज्मा थेरेपी के जरिए ठीक हुए हैं
बता दें कि कल खबर सामने आई थी कि राज्य में पहली बार कोरोना मरीजों (Corona Patients) में प्लाज्मा थेरेपी के अच्छे रिजल्ट निकल कर आए हैं. हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल (Sushila Tiwari Hospital) में भर्ती दो मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी के जरिए ठीक होने के बाद मंगलवार को यहां से डिस्चार्ज कर दिया गया. डिस्चार्ज होने के बाद दोनों मरीजों ने डॉक्टरों और अस्पताल स्टाफ का शुक्रिया अता किया. इलाज के दौरान इन दोनों की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी जिसके बाद इन्हें आईसीयू और फिर वेंटीलेटर पर रखना पड़ा था.



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