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गैंगस्टर विकास दुबे (Gangster Vikas Dubey) का जमीनों का बड़ा कारोबार था. जमीनों को गलत तरीके से कब्जा करने और फिर उन्हें बेचे जाने के धंधे में वह सालों से लिप्त था. ऐसी ही 6 बीघा जमीन के मामले में राहुल तिवारी नाम के व्यक्ति ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.
प्रशांत कुमार से पूछे गए सवाल कि यूपी पुलिस इस मामले में ED की कैसे मदद करेगी. उन्होंने कहा कि इस संबंध में मैं यही कहना चाहूंगा कि वह एक अलग संस्था है. उनके अपने अलग तरीके हैं और वह कैसे विकास दुबे और उसके साथियों की संपत्तियों और पैसे के लेनदेन की जांच करेंगे यह उनका विवेक है. उनका अपना प्रोसीजर है लेकिन यदि कोई केंद्रीय एजेंसी यूपी पुलिस से सहायता मांगती है तो हम उनको पूरा सहयोग करेंगे.
विकास दुबे का जमीनों का बड़ा कारोबार था
बता दें कि गैंगस्टर विकास दुबे का जमीनों का बड़ा कारोबार था. जमीनों को गलत तरीके से कब्जा करने और फिर उन्हें बेचे जाने के धंधे में वह सालों से लिप्त था. ऐसी ही 6 बीघा जमीन के मामले में राहुल तिवारी नाम के व्यक्ति ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. राहुल तिवारी ने विकास दुबे के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 के तहत जान से मारने के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया था. इसी मुकदमे के सिलसिले में कानपुर पुलिस की टीम विकास दुबे से पूछताछ के लिए बिकरु गांव गई थी. उसी पुलिस टीम पर 2 जुलाई की आधी रात विकास दुबे और उसके साथियों ने हमला किया था जिसमें eight पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे.ईडी ने तेजी से काम शुरू कर दिया है
बता दें कि विकास दुबे की संपत्तियों की जांच के लिए ईडी ने तेजी से काम शुरू कर दिया है. इसी बीच यूपी सरकार ने विकास दुबे के पूरे प्रकरण और इसके हर एंगिल की जांच के लिए एक अलग स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम, एसआईटी का गठन कर दिया है. सीनियर आईएएस अफसर संजय भूसरेड्डी के नेतृत्व में एसआईटी जांच करके रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी. इस महीने के आखिर तक पूरा सच सामने आने की उम्मीद करनी चाहिए.
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