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बस को 15 अगस्त को ही अपने मुकाम पर पहुंच जाना चाहिए था, लेकिन आज 17 तारीख तक बस अपने गंतव्य तक नहीं पहुंची है. चितिंत परिजनों ने सीतामढ़ी के डुमरा थाना पुलिस से इस मामले में गुहार लगाई है.
15 अगस्त के बाद किसी से संपर्क नहीं
बताया जाता है कि बस में सवार लोगों से 15 अगस्त की रात 11 बजे तक संपर्क हो सका था. बाद में सभी से संपर्क टूट गए और बस में सवार तमाम लोगों के मोबाइल स्विच ऑफ बताने लगे. ग्यारह बजे के बाद से लाख प्रयास के बाद भी बस में सवार किसी भी शख्स से उसके परिजनों की कोई बात नहीं हुई है.
बस के बाढ़ में फंसे होने की आशंकाप्रारंभिक जांच में पुलिस को यह पत्ता चला है कि बाढ़ के कारण यह बस किसी इलाके में फंसी हुई है. डुमरा थाना के SHO नवलेश कुमार आजाद ने बताया कि वहां के लोकल पुलिस से संपर्क स्थापित किया जा रहा है. प्रारंभिक जांच में बस के बाढ़ग्रस्त इलाके में फसे होने की आशंका जताई जा रही है. SHO ने बताया कि छत्तीसगढ़ और कर्नाटक के बॉर्डर पर बाढ़ की त्रासदी है, जहां बस के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है.
मजदूरों के परिजन हैं परेशान
बताया जाता है कि सभी मजदूर एनटीपीसी में मजदूरी का काम करते थे. लॉकडाउन के कारण ये सभी अपने घर लौट आए थे. लेकिन रोजी रोजगार के अभाव में मजदूरों ने फिर से वहां जाने का फैसला किया. संबंधित ठेकेदार से संपर्क स्थापित किया गया तो ठेकेदार की मदद से वहां ये मजदूर जा रहे थे. मजदूर के परिजन अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि उनका भाई वहां के लिए निकला है, लेकिन अब उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है. वहीं बछारपुर गांव के अजय कुमार ने कहा कि इस मामले में ठेकेदार से भी जानकारी लेने की कोशिश की जा रही है, पर उनसे भी संपर्क नहीं हो पा रहा है.
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