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हर वर्ष गणतंत्र दिवस (Republic Day) और स्वतंत्रता दिवस (Independence day) पर राष्ट्रपति द्वारा पुलिस पदक (Police Medal) देने की परंपरा चली आ रही है.
बिहार सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि गैलेंट्री के लिए समय-समय पर प्रस्ताव भेजा जाता है. इस बार विशिष्ट व सराहनीय सेवा पदक के लिए कुल 31 पुलिस अधिकारियों और जवानों के नाम भेजे गए थे. सराहनीय सेवा के लिए 26 और विशिष्ट सेवा के लिए 5 नाम शामिल थे. लेकिन राष्ट्रपति पुलिस पदक की सूची से बिहार के बाहर रहने के संबंध में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि ऐसा क्यों हुआ इसका पता लगा रहे हैं.
गौरतलब है कि पुलिस मेडल फॉर गैलेंट्री के लिए इस बार कुल 215 अवार्ड दिये जाएंगे. सबसे अधिक 81 गैलेंट्री अवार्ड जम्मू कश्मीर की पुलिस को मिलेंगे जबकि दूसरे नम्बर पर सीआरपीएफ है. कुल 55 अवार्ड मिलेंगे. इस कैटेगरी में बिहार कहीं नहीं है.
दूसरी कैटेगरी प्रेसिडेंट पुलिस मेडल की है. कुल 80 अवार्ड दिए जाएंगे इसमें पहला स्थान इंटेलिजेंस ब्यूरो का है जिसे कुल eight अवार्ड मिलेंगे जबकि 6 अवार्ड के साथ उत्तर प्रदेश दूसरे और 5 अवार्ड के साथ महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर है. इस कैटेगरी में भी बिहार कहीं नहीं है.तीसरी कैटेगरी पुलिस मेडल की है इस बार इस कैटेगरी में कुल 631 अवार्ड दिए जाएंगे. इस कैटेगरी में उत्तर प्रदेश की पुलिस ने बाजी मारी है इनके हाथ कुल 73 अवार्ड आये हैं. 59 अवार्ड के साथ दूसरे नम्बर पर सीआरपीएफ. 46 अवार्ड के साथ बीएसएफ तीसरे और 39 अवार्ड के साथ महाराष्ट्र चौथे स्थान पर है. इस कैटेगरी में भी बिहार कहीं नहीं है.
मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रपति पुलिस पदक के लिए राज्य सरकार अपने पुलिस अधिकारियों और जवानों के नाम का प्रस्ताव गृह मंत्रालय को भेजती है. सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रपति पुलिस पदक को लेकर गृह मंत्रालय में 31 जुलाई को बैठक थी. राज्य सरकारों को इससे पहले नामों का प्रस्ताव भेजना था, लेकिन बिहार की ओर से समय पर नाम ही नहीं भेजा गया. बताया जाता है कि अगस्त के शुरू में पदक के लिए नाम भेजे गए इसलइए नाम पर विचार नहीं हो पाया.
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