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बता दें कि 2 जुलाई की रात विकास दुबे (Vikas Dubey) ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर दबिश देने पहुंची पुलिस टीम पर हमला किया था. इस हमले में क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे
उन्होंने कहा कि दबिश देने के दौरान एसपीओ का पालन करें, वहीं प्रॉपर तरीके से दबिश के दौरान हथियार लेकर जाएं. डीआईजी ने बताया कि पुलिस हमेशा अपराधियों को पकड़ने की कोशिश करती है, लेकिन अगर अपराधी पुलिस और आम जनता पर खुले में फायरिंग करते हैं, तो पुलिस को मजबूरन जवाबी फायरिंग करनी पड़ती है.
नोडल अधिकारी @Etahpolice के रूप में आज पुलिस लाइन में पुलिसकर्मियों को #coronavirus से बचाव और इम्यूनिटी बढ़ाने संबंधी जानकारी दी तथा कोरोना काल में विशिष्ट सेवाओं के लिए पुलिस कर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया एवं थाना कोतवाली देहात एटा का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। pic.twitter.com/UT3oifAMoR
— DIG Range Aligarh (@digrangealigarh) July 19, 2020
सिह के मुताबिक पुलिस हमेशा क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के तहत अपराधियों को गिरफ्तार करने का प्रयास करती है. साथ ही उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि जब भी पुलिस पर अपराधी फायरिंग करेगा तो पुलिस द्वारा अपनी सुरक्षा में जवाबी फायरिंग की जाएगी.
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मुठभेड़ में मारा गया विकास दुबे
बता दें कि 2 जुलाई की रात विकास दुबे ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर दबिश देने पहुंची पुलिस टीम पर हमला किया था. इस हमले में क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. इस घटना के बाद विकास दुबे अपने गुर्गों के साथ फरार हो गया था. 9 जुलाई को ही उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर से विकास दुबे को पकड़ लिया गया. उसे कानपुर पुलिस और एसटीएफ की टीम कानपुर ला रही थी, तभी गाड़ी पलट गई और विकास दुबे हथियार छीनकर भागने लगा. पुलिस की जवाबी कार्रवाई में विकास दुबे भी मारा गया है.
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