[ad_1]
बिहार में विधानसभा के चुनाव (Assembly elections in Bihar) अक्टूबर-नवंबर में होने हैं. भले ही राजनीतिक दलों की तरफ से इस मुद्दे को राजनीति से दूर करने की बात कही जा रही है, लेकिन JDU-BJP की तरफ से इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा जा रहा है.
मुंबई पुलिस की पीठ थपथपाने के मायने!
दरअसल कांग्रेस के भीतर की दुविधा भी यही है. एक तरफ कांग्रेस महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार में साझीदार है लिहाजा मुंबई पुलिस की पीठ थपथपा रही है तो दूसरी तरफ आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बिहार के लोगों की भावना को ध्यान में रखकर यहां के उसके नेता सीबीआई जांच की मांग करते रहे हैं. कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल की तरफ से भी दिया गया बयान भी उसी दुविधा और अंतर्विरोध को दिखाने वाला था. सीबीआई जांच की मांग को मानते हुए जब बिहार सरकार की तरफ से इसकी सिफारिश कर दी गई और उस पर केंद्र सरकार ने भी हामी भर दी है तो अब शिवसेना को यह बात नागवार गुजर रही है. शिवसेना सांसद संजय राउत ने सीबीआई जांच को लेकर सवाल भी खड़ा किया. लेकिन उनकी तरफ से अब एक कदम आगे बढ़कर जो बयान दिया गया उससे बिहार के सियासी दलों के नेताओं और सुशांत सिंह राजपूत के परिवार के लोगों में भी नाराजगी है.
संजय राउत ने सुशांत के पिता से रिश्तों पर उठाए सवालशिवसेना के मुखपत्र सामना (Saamana) में अपने लेख में संजय राउत (Sanjay Raut) ने लिखा है कि सुशांत सिंह राजपूत के पिता केके सिंह ने दूसरी शादी की थी, जिससे सुशांत सिंह राजपूत और उनके पिता के बीच सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा था. बीजेपी के राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर ने इस मसले पर कहा कि सुशांत सिंह राजपूत मामले में शिवसेना, उद्धव ठाकरे और मुंबई पुलिस पूरी तरह एक्सपोज हो चुके हैं. कुछ इसी तरह के सवाल जेडीयू (JDU) की तरफ से उठाए जा रहे हैं. जेडीयू प्रवक्ता संजय सिंह ने संजय राउत के बयान पर पलटवार करते हुए उन्हें मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति बता दिया.
ये भी पढ़ें :- दिल्ली में फिर बढ़ने लगे Corona मरीज, सत्येंद्र जैन की बताई वजह से सियासी पारा गर्म
सियासत कब तक ?
गौरतलब है कि बिहार में विधानसभा के चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होने हैं. भले ही राजनीतिक दलों की तरफ से इस मुद्दे को राजनीति से दूर करने की बात कही जा रही है लेकिन जेडीयू-बीजेपी की तरफ से इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा जा रहा है. बीजेपी के नेता और केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने भी इस मसले पर कांग्रेस के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा था कि किस मुंह से अब वे वोट मांगने जाएंगे. शायद यही बात अब कांग्रेस को परेशान कर रही है. खैर सियासत का मामला तो चुनाव तक है लेकिन असल मुद्दा अभी भी वहीं है. सुशांत सिंह राजपूत की मौत का रहस्य और उलझता जा रहा है. इस मामले में न्याय मिलेगा? सच सामने आएगा या ये बस एक चुनावी मुद्दा बन कर रह जाएगा इसे समझ पाना फिलहाल मुश्किल है.
[ad_2]
Source