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Ayodhya Ram Mandir: उत्तराखंड में होने वाली रामलीला में अपने अभिनय से दशरथ और रावण के किरदार को जीवंत करने वाले बंशीधर भगत और राजकुमार ठुकराल अयोध्या में राम मंदिर शिलान्यास से बेहद खुश हैं.
‘दशरथ’ की प्रार्थना हुई पूरी
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और कालाढूंगी से विधायक बंशीधर भगत पिछले चालीस साल से रामलीला में दशरथ का पाठ खेल रहे हैं. इसी तरह रुद्रपुर से विधायक और उत्तराखंड बीजेपी में हिन्दुत्व के फायर ब्रांड चेहरे राजकुमार ठुकराल पिछले 30 साल से रुद्रपुर की रामलीला में रावण का किरदार निभाते आ रहे हैं.
उत्तराखंड बीजेपी के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर हल्द्वानी की ऊंचा पुल रामलीला में हर साल दशरथ का किरदार निभाते हैं. इस नेता को अभिनेता बनते देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं. भगत बताते हैं कि उन्हें दशरथ का किरदार निभाते-निभाते चालीस से ज्यादा साल हो चुके हैं. खास बात ये रही कि कैबिनेट मंत्री रहते हुए भी भगत इस किरदार को निभाना नहीं भूले.
भगत बताते हैं कि जब से राम मंदिर आंदोलन की अलख दिल में जगी तभी से उन्होंने रामलीलाओं में अभिनय करना शुरु कर दिया. भगत राम मंदिर आंदोलन की याद ताजा करते हुए भावुक हो जाते हैं. वह कहते हैं कि राम के पिता का अभिनय करते-करते वह हमेशा यही प्रार्थना किया करते थे कि उनके जीते जी अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो और वह घड़ी अब आ गई है.
रावण भी करता है राम का स्मरण
बीजेपी विधायक राजकुमार ठुकराल रुद्रपुर के इंदिरा कॉलोनी और मेन बाज़ार में होने वाली रामलीला में पिछले 30 सालों से अभिनय कर रहे हैं. विधायक ठुकराल कहते हैं कि वैसे तो उन्होंने रामलीओं में कई किरदार निभाए हैं लेकिन पिछले 15 सालों से वह रावण का ही किरदार निभाते आए हैं.
रावण का किरदार निबाहने वाले बीजेपी विधायक राजकुमार ठुकराल राममंंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होना चाहते थे.
रावण के किरदार में भी वह राम का स्मरण करते हैं. ठुकराल मंच पर जाने से पहले भगवान राम और माता सीता की पूजा करना नहीं भूलते. ठुकराल बताते हैं कि आपको जानकर हैरानी होगी कि कई दफा रामलीला में अभिनय करने के दौरान वह भगवान राम को लेकर इतने भावुक हो गए कि रावण के किरदार में ही जय श्रीराम का उद्घोष कर दिया. इससे दर्शकों का मनोरंजन तो होता ही था साथ ही भगवान श्रीराम का स्मरण भी हो जाता था.
ठुकराल बताते हैं उनकी दिली इच्छा थी कि जिस दिन भी अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास हो वह उसमें शामिल होने पहुंचें लेकिन कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग के कारण वह ऐसा नहीं कर सके. इसका उन्हें मलाल है लेकिन राम मंदिर के शिलान्यास ने उन्हें नई ऊर्जा दी है.
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