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बिहार सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दावा किया कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की मृत्यु को लेकर पटना में दर्ज करायी गई प्राथमिकी कानूनन वैध है.
वकील विकास सिंह ने कहा कि बिहार के पास मामले की जांच और एफआईआर दर्ज करने का न्यायिक अधिकार है. मुझे उम्मीद है कि केस बिहार से मुंबई ट्रांसफर नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि अगर जांच करने अधिकार है तो सीबीआई जांच करने का भी साफ रास्ता दिख रहा है. उन्होंने कहा कि अगर टेरिटोरियल न्यायिक जांच करने का अधिकार है तो फिर सीबीआई जांच का अधिकार भी जरूर मिलेगा.
वकील विकास सिंह ने न्यूज18 से कहा कि रिया चक्रवर्ती के वकील ने मंगलवार को कहा था कि वे लिखित सबमिशन देना चाहते हैं, हम लोगों ने भी कल कहा था कि रिटेन सबमिशन जमा करेंगे. रिया चक्रवर्ती ने खुद ही याचिका में कहा था कि सीबीआई से मामले की जांच होनी चाहिए. रिया से मंगलवार को जब सुप्रीम कोर्ट ने इस पर पूछा था कि आपने पिटीशन में लिखा है सीबीआई से जांच की मांग हो, तो फिर अब पीछे क्यों हट रही हैं.
बता दें कि बिहार सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में दावा किया कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु को लेकर पटना में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी विधिसम्मत और वैध है. बिहार ने आरोप लगाया कि इस मामले की जांच के सिलसिले में मुंबई पहुंची राज्य की पुलिस के साथ महाराष्ट्र पुलिस ने कोई सहयोग नहीं किया.
न्यायमूर्ति ऋषिकेश राय की एकल पीठ के समक्ष वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान बिहार सरकार ने यह भी दावा किया कि मुंबई पुलिस ने उसे सुशांत सिंह राजपूत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रति भी उपलब्ध नहीं कराई. बिहार सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनिन्दर सिंह ने कहा कि राजपूत की मौत के मामले में मुंबई में अभी तक प्राथमिकी दर्ज नही की गयी है. उन्होंने इस मामले में रिया चक्रवर्ती द्वारा बिहार पुलिस पर राजनीतिक दबाव, दुराग्रह और प्रभाव में आने जैसे लगाये गये आरोपों का खंडन किया.
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