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कोरोना (COVID-19) से ठीक हो चुके मरीजों में आइजीजी एंटीबॉडी बन जाती हैं. ऐसे में प्लाज्मा में मौजूद एंटीबॉडी को गंभीर मरीजों में चढ़ाया जाता है. यह एंटीबॉडी कोरोना वायरस के खिलाफ काम करती हैं.
गंभीर मरीजों को बचेगी जिंदगी
कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों में आइजीजी एंटीबॉडी बन जाती हैं. ऐसे में प्लाज्मा में मौजूद एंटीबॉडी को गंभीर मरीजों में चढ़ाया जाता है. यह एंटीबॉडी कोरोना वायरस के खिलाफ काम करती हैं. गंभीर मरीजों की जिंदगी बचाने में मददगार बनती हैं. कोरोना के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी के परिणाम अच्छे मिल रहे हैं. एक डोनर 500 एमएल तक प्लाज़्मा डोनेट कर सकेगा. जिसे 200-200 एमएल की यूनिट्स में स्टोर किया जायेगा.
राज्यपाल ने कही ये बातइस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि अभी तक कोरोना की कोई वैक्सीन नहीं है. ऐसे में प्लाज्मा बैंक पूरे प्रदेश के मरीजों के लिए कारगर साबित होगा. प्लाज्मा थेरेपी से रिकवरी दर बढ़ेगी और मृत्युदर में गिरावट आएगी. उधर कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. बिपिन पुरी ने कहा कि प्रदेश के पहले प्लाज्मा बैंक की शुरुआत केजीएमयू में होने से टीम उत्साहित है. यहां से सरकारी एवं गैर सरकारी अस्पतालों को प्लाज्मा उपलब्ध कराया जाएगा. प्लाज्मा डोनेट करने वाले की पहले एचआईबी, हेमोग्लोबिन, मलेरिया, हेपेटाइटिस बी, सी, सेफलिस एवं कम्पलिट ब्लड काउंट की जांच की जाती है.
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