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दरअसल योगी सरकार (Yogi Government) द्वारा कानपुर कांड की जांच के लिए गठित एसआईटी (SIT) की अध्यक्षता कर रहे अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी और टीम को 31 जुलाई तक रिपोर्ट देनी है.
दरअसल योगी सरकार द्वारा कानपुर कांड की जांच के लिए गठित एसआईटी (SIT) की अध्यक्षता कर रहे अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी और टीम के सदस्य एडीजी हरिराम शर्मा व डीआइजी जे रवींद्र गौड को 31 जुलाई तक रिपोर्ट देनी है. घटना से जुड़े कई बिंदुओं पर एसआईटी सिलसिलेवार पड़ताल करने के लिए सबसे पहले बिकरू गांव आई है.
निकाली जाएगी एक साल की सीडीआर
एसआईटी विकास दुबे के माध्यम से सिस्टम में बने सुराखों को तलाशने की तैयारी कर रही है. एसआईटी विकास दुबे के आपराधिक और आर्थिक मजबूती के मददगारों को तलाशने में जुटी है. एसआईटी पिछले एक साल में विकास दुबे और उसके करीबियों की कॉल डिटेल रिकॉर्ड चेक करेगी. जिससे यह पता चल जाएगा कि विकास दुबे की किससे-किससे और कब-कब बात हुई. कॉल डिटेल से विकास से नेटवर्क की निगरानी होगी और पूरे नेक्सेस खुलासा किया जाएगा. इस जांच की जद में पुलिस, प्रशासन, उद्योगपति जगत में विकास के करीबियों को लाने की तैयारी है.ये भी पढे़ं- योगी सरकार के खेल मंत्री उपेंद्र तिवारी Corona Positive, परिजनों का भी लिया सैंपल
गौरतलब है कि विकास दुबे को हत्या के एक मामले में उम्र कैद की सजा मिल चुकी थी. जिसमें फिलहाल वो जमानत पर बाहर था. उसकी जमानत निरस्त कराने के लिए क्या प्रयास किए गए? अगर नहीं किए गए तो किसने नहीं किए? विकास दुबे के ऊपर गैंगस्टर एक्ट, गुंडा एक्ट की कार्रवाई हुई या नहीं? गैंगस्टर एक्ट में भी संपत्ति सीज़ करने का प्रावधान है ,क्या यह कार्रवाई विकास दुबे के ऊपर हुई थी, नहीं हुई थी तो उसके लिए कौन जिम्मेदार है?
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