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याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा कि राज्य व केन्द्र सरकार में तालमेल न होने से कैंपस निर्माण में 10 सालों की देर हो गई है. इसलिए कैम्पस निर्माण जल्द किया जाए और छात्रों को सभी प्रकार की सुविधाएं दी जाएं.
घायल छात्रा को मुआवज़ा देें
नैनीताल हाईकोर्ट ने अपने आज के आदेश में घायल छात्रा नीलम मीणा को 25 लाख का मुआवज़ा देने का भी आदेश दिया है. इसके साथ ही कहा है कि 2021 तक अस्थायी कैम्पस में सभी तरह की सुविधाएं दी जाएं.
बता दें कि एनआईटी के पूर्व छात्र जसवीर सिंह ने जनहित याचिका दाखिल कर कोर्ट में कहा था कि कैम्पस को तत्काल ऐसी जगह शिफ्ट किया जाए जहां एनआईटी स्तर की सुविधा छात्रों को मिलें. स्थायी कैम्पस का निर्माण किया जाए और जो छात्राएं सड़क हादसे में घायल हुई हैं उनके इलाज का खर्च सरकार उठाए.सरकारों की लापरवाही से 10 साल की देर
श्रीनगर के ग्रामीणों ने एनआईटी को शिफ्ट किए जाने की कोशिशों के विरोध में जनहित याचिका दाखिल की थी. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में राज्य सरकार, केन्द्र सरकार, एनआईटी और ग्रामीणों ने अपना पक्ष कोर्ट में रखा. राज्य सरकार ने श्रीनगर के सुमाड़ी में ही एनआईटी निर्माण करने की बात कोर्ट में कही.
केन्द्र सरकार ने एनआईटी कैम्पस निर्माण के लिए 909 करोड़ रुपये देने की बात कोर्ट में रखी तो याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा कि राज्य व केन्द्र सरकार में तालमेल न होने से कैंपस निर्माण में 10 सालों की देर हो गई है. इसलिए कैम्पस निर्माण जल्द किया जाए और छात्रों को सभी प्रकार की सुविधाएं दी जाएं. इस मामले पर सुनवाई पूरी कर 13 जुलाई को हाईकोर्ट ने अपना फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था.
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