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राम जन्मभूमि भूमि पूजन के लिए साकेत महाविद्यालय के हेलीपैड पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) हेलीकॉप्टर से उतरे और यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Aditya Nath) ने उनकी अगवानी की थी.
दरअसल, राम जन्मभूमि शिलान्यास से पहले जैसे ही साकेत महाविद्यालय के हेलीपैड पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चॉपर से उतरे. यहां उनके स्वागत में खड़े मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनकी अगवानी की. इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि योगी जी आप तो आज बेहद खुश हो रहे होंगे, क्योंकि आपके गुरुजनों ने राम मंदिर निर्माण के लिए काफी संघर्ष किया था. आपको बहुत-बहुत बधाइयां.
गोरक्षपीठ ने 1934 से शुरू किया संघर्ष
बता दें कि राम मंदिर को लेकर संघर्ष की गोरक्षपीठ के तीन पीढ़ियों की कहानी 1934 से शुरू हुई और भूमि पूजन की साक्षी बनी है. चाहे राम जन्मभूमि पर भगवान राम के प्रकटीकरण का मामला हो, जब गोरक्षपीठ के तत्कालीन महंत दिग्विजय नाथ महाराज मौजूद थे या फिर जब राम मंदिर का ताला खोला गया. उस वक्त योगी आदित्यनाथ के गुरु अवैद्यनाथ को रात में स्टेट प्लेन भेजकर तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह ने बुलवाया. उनके सामने राम जन्मभूमि का ताला खोला गया. फिर प्रतीकात्मक शिलान्यास की बात हो जब अवैद्यनाथ जो योगी के गुरु थे, उन्होंने फावड़ा चलाकर रामचंद्र परमहंस के साथ शुरूआत किया था. फिर आज जब मंदिर निर्माण शुरू हो रहा है, जब गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं.
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