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तेजस्वी यादव (Tejaswi yadav) ने मानसून सत्र का वीडियो दिखाते हुए आरोप लगाया था कि मंगल पांडेय (Mangal Pandey) ने सदन में झूठ बोला था.
मंगल पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने एक दिन RTPCR से जांच की संख्या 6600 के आसपास था, बताया था. आज भी हम प्रति दिन RTPCR और ट्रुनेट से दस हजार से ज़्यादा जांच कर रहे हैं. आज बिहार में जांच की संख्या प्रति दिन एक लाख से ज़्यादा पार कर गई है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि तेजस्वी यादव बिहार की जनता के लिए सकारात्मक बयान दें, लेकिन आज उन्होंने हद पार कर दी. उन्होंने गलत बयान देने की आदत बना ली है.
मंगल पांडेय ने सात जुलाई का दिखाया विडियो दिखाते हुए कहा कि इसमें तेजस्वी यादव ने कहा था कि बिहार में कोविड के लिए मात्र एक अस्पताल कार्यरत है जबकि उस वक्त भी चार कोविड अस्पताल कार्यरत थे. झूठ बोलना तेजस्वी की पुरानी आदत है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव के घर में बहन चिकित्सक हैं. भाई स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं. कम से कम उनसे तो एक बार बात कर लेते, तब इस तरह का बयान देते.
बता दें कि तेजस्वी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस भी किया और मानसून सत्र का वीडियो भी ट्विटर पर पोस्ट किया जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि मंगल पांडेय ने सदन में झूठ बोला था. तेजस्वी ने कहा कि मंगल पांडेय ने मेरे सवाल पर कहा था कि कोरोना के कुल 6.12 लाख जांच में से 3.24 लाख (52.9%) जांच आरटीपीसीआर से हुए. जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 11 अगस्त को प्रधानमंत्री के साथ समीक्षा बैठक में बताया कि बिहार में प्रतिदिन 10 फीसदी से भी कम जांच आरटीपीसीआर से हो रही है. अब मंगल पांडेय बताएं कि वे झूठ बोल रहे थे या फिर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से झूठ कहा.तेजस्वी ने ये भी कहा कि कहा कि हम जान रहे थे कि वह झूठ बोल रहे हैं, इसलिए सदन में दो बार पूछा. राज्य सरकार आंकड़े छिपा रही है. इनके पाखंड को हमलोग जान रहे थे. बिहार की नाकाम सरकार को छोड़ लगभग अधिकांश राज्यों ने आरटीपीसीआर जांच का दायरा बढ़ाने का काम किया है.
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