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संगम में गंगा (Ganga) और यमुना (Yamuna) नदियों के बढ़ रहे जलस्तर पर सिंचाई विभाग के बाढ़ कन्ट्रोल रूम से निगरानी रखी जा रही है. बीते 24 घंटे में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर (Water Level) 25 से 30 सेंटीमीटर तक बढ़ा है.
तीर्थ पुरोहित अब संगम क्षेत्र में ऊंचाई वाले सुरक्षित स्थान पर अपने तख्त सजा रहे हैं. गंगा में बाढ़ का असर अब कछारी इलाकों में भी दिखायी देने लगा है. संगम में गंगा और यमुना नदियों के बढ़ रहे जलस्तर पर सिंचाई विभाग के बाढ़ कन्ट्रोल रूम से चौबीसों घंटे निगरानी रखी जा रही है. बीते चौबीस घंटे में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर 25 से 30 सेंटीमीटर बढ़ा है. जबकि मौजूदा समय में गंगा और यमुना दोनों ही नदियों का जलस्तर एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है.
फिलहाल खतरे के निशान से नीचे बह रहीं नदियां
शुक्रवार को फाफामऊ में गंगा नदी का जलस्तर 78.45 मीटर और छतनाग में 74.38 मीटर रिकार्ड किया गया. जबकि यमुना नदी का नैनी में जलस्तर 74.89 मीटर तक पहुंच गया है. दोनों नदियों का डेंजर लेवल 84.734 मीटर है. फिलहाल दोनों ही नदियां अभी खतरे के निशान से काफी नीचे बह रही हैं. लेकिन हर साल गंगा और यमुना नदियों में आने वाली बाढ़ के मद्देनजर एनडीआरएफ की टीम भी प्रयागराज पहुंच गई है. एनडीआरएफ की टीम ने जहां बाढ़ संभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया है. वहीं प्रशासन ने संगम में लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए अलर्ट भी जारी कर दिया है. इसके साथ ही संगम पर जल पुलिस को भी तैनात कर दिया गया है. प्रशासन ने नाविकों को श्रद्धालुओं को लेकर गहरे पानी की ओर न जाने की एडवाइजरी जारी की है.हर साल इन इलाकों में आती है बाढ़
हर साल गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर बढ़ने से फाफामऊ, सलोरी, दारागंज, झूंसी के निचले कछारी इलाकों में बाढ़ की समस्या खड़ी हो जाती है. जिससे निबटने के लिए प्रशासन ने भी अपनी तैयारी तेज कर दी है.
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