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लोगों ने सरकारी सिस्टम को जगाने के लिए सड़क में बने गड्ढों में धान की रोपाई कर दी.
कॉलेज को जोड़ती है, गांवों को भी
विरोध के इस अनोखे तरीके से शहर की यह प्रमुख सड़क कुछ ऐसी लगने लगी है जैसे धान के पौधों से पटा कोई खेत हो. रोपाई लगाकर विरोध जता रहे दीपक तिवारी का कहना है कि हर साल बरसात के दिनों में यह सड़क चलने लायक नहीं रहती. पहले भी इस सड़क में कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं.
तिवारी कहते हैं कि लोक निर्माण विभाग के अलावा डीएम के दरबार में भी कई बार फरियाद लगा दी गई है लेकिन सड़क को ठीक करना तो दूर कोई अधिकारी हालात का जायज़ा लेने तक नही आया. यह रोड डिग्री कॉलेज, इंटर कॉलेज और इंजीनियरिंग कॉलेज को तो जोड़ती ही है, साथ ही शहर की रिंग रोड भी है. यही नहीं इसी सड़क के ज़रिए दर्जन भर से अधिक गांव भी जुड़े हैं. इसके बावजूद किसी को कोई परवाह नहीं है.
दुर्घटना की वजह
इस सड़क से रोज गुजरने वाले कवींद्र वल्दिया कहते हैं कि इस अहम सड़क की दुर्दशा यह बताने के लिए काफी है कि सरकारी विभागों में नाकारापन किस कदर हावी हो चुका है. स्कूल और कॉलेजों को जोड़ने वाली सड़क पर स्टूडेंट्स ज्यादा चलते हैं. छोटी क्लास के स्टूडेंट्स के लिए तो बरसात में यह सड़क और ज्यादा खतरनाक हो जाती है.
इस बात का समर्थन मोनिका भी करती हैं. वह बताती हैं कि पिछले साल चौथी कक्षा में पढ़ने वाली उनकी बेटी का पैर इसी सड़क के गड्ढों में गिरने की वजह से टूट गया था.
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