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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश के कई राज्यों में बाढ़ और भारी बारिश के कारण भयावह स्थिति है. इसलिए, उन राज्यों की सरकारें, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (NFSA) और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहतराशन की डोर स्टेप डिलिवरी (Door Step Delivery) की करें
मैं राज्य सरकारों से आग्रह करता हूं कि जो बाढ़ पीड़ित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजन के तहत राशन दुकान से राशन नहीं ले पा रहे हैं, उन लोगों के लिए राशन की Door Step Delivery की व्यवस्था करें। 2/2
— Ram Vilas Paswan (@irvpaswan) August 11, 2020
बता दें कि पिछले जुलाई महीने में बिहार में सरकारी दुकानों से अनाज का वितरण 62 प्रतिशत ही रहा था. ऐसे में अब केंद्र सरकार की तरफ से सभी लाभार्थियों तक वितरण की व्यवस्था करने के लिए राज्य सरकारों को कहा जा रहा है. केंद्र सरकार के पास अनाज का पर्याप्त भंडार है, लिहाजा सरकार की तरफ से कई मौकों पर यह कहा जाता रहा है कि राज्य सरकारें चाहें तो अगले छह महीने तक का भी अनाज ले सकती हैं. केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान भी मानते हैं कि बाढ़ प्रभावित लोगों को अगर एक साथ दो-तीन महीने का राशन दे दिया जाए तो उन्हें फायदा होगा. पिछले महीने हुई राशन वितरण में कमी के बाद उनकी तरफ से राज्य सरकारों को निर्देशित भी किया गया है.
असम और बिहार समेत देश के अन्य राज्यों में बाढ़ की स्थिति भयावह है. बाढ़ से अब तक लाखों की आबादी प्रभावित हुई है (फाइल फोटो)
अनाज के भंडारण के लिए रेलवे से हो रही है बात
उधर, केंद्र सरकार की तरफ से अनाज के भंडारण को लेकर और कई उपायों पर गौर किया जा रहा है. इसी सिलसिले में रेल मंत्री पीयूष गोयल और रेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ केंद्रीय खाद्य, आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान की वर्चुअल मीटिंग हुई. इस बैठक में खाद्य मंत्रालय के भंडारण संस्थानों द्वारा रेलवे जमीन पर संयुक्त रूप से भंडारण गृह बनाने की योजना पर चर्चा हुई. केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने इस मुद्दे पर ट्वीट कर कहा कि इस योजना के पूरा हो जाने से हमारी भंडारण क्षमता में काफी बढ़ोतरी होगी और अनाज का एक दाना भी बर्बाद नहीं होगा.
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