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अनिल चौधरी (Anil Chaudhary) का गांव यूपी के शामली में हैं, जहां खराब मोबाइल नेटवर्क की वजह से वो किसी से बात नहीं कर पा रहे थे.
मोबाइल कंपनी ने अनिल चौधरी से किया संपर्क
चौधरी (Anil Chaudhary) ने ‘भाषा’ से कहा, ‘मैंने आईसीसी की कुछ कार्यशालाओं में भाग लिया लेकिन जब मैं गांव में था तब ऐसा नहीं कर पाया था. मुझे इसके लिये दिल्ली जाना पड़ता था. ऐसे में मेरा एक पांव दिल्ली में तो दूसरा गांव में होता था. ‘ अब तक 20 वनडे और 28 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में अंपायरिंग कर चुके चौधरी की परेशानी पर ‘भाषा’ से रिपोर्ट की थी जिसके बाद एक मोबाइल कंपनी ने उनसे संपर्क किया और पिछले कई वर्षों से नेटवर्क के लिये सरकारी कार्यालयों की खाक छानने वाले ग्रामीणों ने अब जाकर राहत की सांस ली. चौधरी ने कहा, ‘मैं अब भी गांव में हूं लेकिन अब मुझे अपने पेशे से जुड़े किसी काम के लिये दिल्ली भागने की जरूरत नहीं है. मैं गांव से ही तमाम कार्यशालाओं में भाग ले सकता हूं. ‘
अनिल चौधरी (Anil Chaudhary) ने कहा, ‘वर्तमान स्थिति में ग्रामीणों और विशेषकर विद्यार्थियों को नेटवर्क की सख्त जरूरत थी और जब कई गांववाले मेरा आभार व्यक्त करने आये तो तब मुझे लगा कि गांववासियों के लिये वास्तव में यह बड़ी उपलब्धि है. अब उन्हें फोन करने के लिये पेड़ नहीं चढ़ना पड़ता है. ‘ चौधरी को भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच एकदिवसीय मैचों में अंपायरिंग करनी थी लेकिन सीरीज बीच में ही रोक दिए जाने के कारण वह 16 मार्च को अपने गांव डांगरोल आ गए थे. इसके बाद उनकी परेशानियां शुरू हो गयी लेकिन उन्होंने यहीं से राष्ट्रीय राजधानी से लगभग 80 किलोमीटर दूर स्थित इस क्षेत्र को इस परेशानी से निजात दिलाने का संकल्प लिया था.जालंधर में एक निजी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत डा. सुभाष ने कहा कि अगर चौधरी इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाते तो यह समस्या ज्यों की त्यों बनी रहती. उन्होंने कहा, ‘अंपायर साहब की मेहनत रंग लायी. अब मैं गांव से ही ऑनलाइन कक्षाएं ले पा रहा हूं. ‘
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