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पुलिस के मुताबिक के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी ने अपने साथियों और बैंक कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर जालसाजी की थी. अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है
ट्रस्ट से निकाले पैसे
इंस्पेक्टर सरोजिनी नगर आनंद शाही ने बताया कि सैनिक सोसायटी सरोजिनी नगर की रहने वाली अरुणिमा सिन्हा ने 13 अगस्त 2014 को अरुणिमा फाउंडेशन नाम से एक ट्रस्ट बनाया था और
वे इ ट्रस्ट की संस्थापक, मैनेजिंग ट्रस्टी और महासचिव है. अरुणिमा की बहन लक्ष्मी सिंह के पति गोरखपुर बांसगांव निवासी ओम प्रकाश त्रिपाठी ट्रस्ट के अध्यक्ष थे. ओमप्रकाश के करीबी बंथरा के जगदेव ट्रस्ट के उपाध्यक्ष थे. ट्रस्ट में अरुणिमा की बहन लक्ष्मी और भाई राहुल सिन्हा भी शामिल थे.आरोप है कि अरुणिमा के चलते जब ट्रस्ट में रक़म आने लगी तो लक्ष्मी, ओमप्रकाश, जगदेव, राहुल अपनी जरूरतें बता कर उधार के तौर पर ट्रस्ट से रकम लेने लगे. ओमप्रकाश ने करीब 24.5 लाख, लक्ष्मी ने 17 लाख, राहुल ने 40.5 लाख और जगदेव ने 14 लाख रुपए ट्रस्ट से उधार के तौर पर ले लिए.
एफआईआर के मुताबिक अरुणिमा ने जब यह रकम वापस मांगने शुरू की तो सभी आरोपी टालमटोल करने लगे. जिसके बाद अरुणिमा ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई थी.
बैंक कर्मी भी मिले हुए
इस मामले में सरोजिनी नगर पुलिस ने अरुणिमा के बहनोई ओमप्रकाश त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया है. इंस्पेक्टर सरोजनी नगर आनंद शाही के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी ने अपने साथियों और बैंक कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर जालसाजी की थी,अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है. शुरुआत में घपले की जानकारी होने पर अरुणिमा ने ट्रस्ट के खाते से ट्रांजैक्शन पर रोक लगा दी थी जिसके बाद वह पर्वतारोहण करने के लिए देश से बाहर चली गई थी. अरुणिमा की नामौजूदगी का फायदा उठाकर फर्जी दस्तावेज से एचडीएफसी की चौक शाखा में अरुणिमा के नाम से ट्रस्ट का फर्जी खाता खुलवाया गया. आरोप है कि बैंककर्मियों ने आरोपियों से मिलीभगत करते हुए यह दिखाया कि अरुणिमा खुद खाता खुलवाने आई थी और उनके फर्जी हस्ताक्षर को सही ठहरा दिया गया.
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