[ad_1]
एसआईटी (SIT) की अगुवाई एडिशनल चीफ सेक्रेटरी संजय भूसरेड्डी करेंगे. अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा और पुलिस उप महानिरीक्षक जे रवीन्द्र गौड़ को भी जांच दल का हिस्सा बनाया गया है.
बता दें कि उज्जैन में गिरफ्तार होने के बाद विकास दुबे को कानपुर लाया जा रहा था. लेकिन रास्ते में एसटीएफ की गाड़ी का एक्सीडेंट हुआ. और पुलिस के अनुसार विकास दुबे ने एक पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनने की कोशिश की. इसके बाद उसने पुलिस पर फायरिंग करते हुए भागने की कोशिश की, जवाबी फायरिंग में उसे गोली लगी. इसके बाद पुलिस ने विकास दुबे को अस्तपाल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
#KanpurEncounter case: State Government has ordered {that a} Special Investigation Team (SIT) will conduct the investigation within the case. SIT will probably be headed by Additional Chief Secretary Sanjay Bhoosreddy. pic.twitter.com/95H9OGHRc0
— ANI UP (@ANINewsUP) July 11, 2020
एसटीएफ की थ्योरी पर उठ रहे सवाल
एसटीएफ की इस थ्योरी पर चौतरफा सवाल खड़े हो रहे हैं. लिहाजा राज्य सरकार ने इस मामले की एसआईटी जांच कराने का फैसला लिया है. उधर यूपी पुलिस ने साफ कर दिया है कि कानपुर के बिकरू गांव में eight पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी विकास दुबे के मारे जाने के बाद भी पुलिस का ऑपरेशन रुका नहीं है. पुलिस को अभी भी विकास दुबे के 12 साथियों की तलाश है, जिन्होंने इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया था. फिलहाल पुलिस ने विकास सहित 6 लोगों को एनकाउंटर में मार गिराया है, वहीं three को गिरफ्तार किया है.
21 में से 12 फरार
अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि बिकरू कांड को अंजाम देने के मामले में 21 अभियुक्तों को नामजद किया गया था, जबकि 60 से 70 अन्य अभियुक्त भी पुलिस के राडार पर हैं. उन्होंने बताया कि विकास दुबे समेत 6 नामजद अभियुक्त मारे जा चुके हैं, जबकि three को गिरफ्तार किया गया है. एडीजी ने कहा कि 21 में से 12 अपराधियों को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा. वहीं मामले में अन्य अभियुक्तों में eight को गिरफ्तार किया गया है.
[ad_2]
Source