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विकास दुबे (Vikas Duby) को पुलिस फरीदाबाद से लेकर एनसीआर में उसे खोजती रही और शातिर बदमाश विकास उज्जैन (Ujjain) पहुंच गया. इस बीच बड़े शातिराना अंदाज में उसने अपनी गिरफ़्तारी दी. या यूं कहें उसने सरेंडर ही किया.
‘तिवारी’ नाम का एक शख्स कर रहा था विकास की मदद
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक तिवारी नाम के एक शख्स ने उसकी मदद की. उसी ने ही विकास दुबे को महाकाल मंदिर तक पहुंचाया. जहां पर उसने खुद को पकड़वाया. उसने बड़े शातिर अंदाज में उसने कैमरे के सामने कहा कि वह विकास दुबे है कानपुर वाला. वह यह जानता था कि यही एक तरीका है जिससे वह एनकाउंटर से बच सकता है. क्योंकि अभी तक उसके पांच गुर्गे मार गिराए गए हैं.
होमगार्ड ने दी सीनियर को जानकारीमहाकाल मंदिर में तैनात एक होमगार्ड ने उसकी जानकारी अपने पलटन कमांडर को दी. उसके बाद पहुंची पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया. इसके बाद वह खुद ही चिल्ला-चिल्लाकर कहने लगा कि वह कानपुर वाला विकास दुबे है.
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